उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के युवाओं को देश-विदेश में रोजगार दिलाने के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. कैबिनेट बैठक में ‘उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन’ के गठन को हरी झंडी दे दी गई. इस मिशन के जरिए प्रदेश सरकार साल भर में एक लाख युवाओं को प्राइवेट सेक्टर में रोजगार दिलाने और 25 से 30 हजार युवाओं को विदेशों में नौकरी उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है.
कैबिनेट बैठक के बाद श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि अब तक प्रदेश को विदेशों में नौकरी दिलाने के लिए बाहरी एजेंसियों पर निर्भर रहना पड़ता था. लेकिन अब इस मिशन के तहत सरकार खुद रिक्रूटिंग एजेंट (RA) का लाइसेंस प्राप्त करेगी, जिससे विदेश भेजने की प्रक्रिया पूरी तरह राज्य सरकार के नियंत्रण में होगी.
अब सरकार खुद दिलाएगी विदेश में नौकरी
एक न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि विदेशों में उत्तर प्रदेश के नर्सिंग, पैरामेडिकल, ड्राइविंग, घरेलू कार्य और कुशल श्रम के क्षेत्र में युवाओं की मांग लगातार बढ़ रही है. रोजगार मिशन राज्य सरकार को इन क्षेत्रों में सीधा नियोजन करने का अधिकार देगा. अब किसी तीसरी एजेंसी के जरिए नहीं, बल्कि सरकार ही युवाओं को विदेशों में काम दिलाएगी.
मिशन की मुख्य विशेषताएं यह होंगी
- देश और विदेश में रोजगार की मांग का सर्वे किया जाएगा.
- कंपनियों से सीधा संपर्क किया जाएगा.
- स्किल गैप पहचानकर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयाेजित होगा.
- भाषा और प्री-डिपार्चर का प्रशिक्षण दिया जाएगा.
- करियर काउंसलिंग और कैंपस प्लेसमेंट की सुविधा होगी.
- नियुक्ति के बाद सहयोग और निगरानी भी की जाएगी.
उत्तर प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि यह मिशन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उस सोच को आगे बढ़ाएगा जिसमें हर युवा को हुनर के आधार पर काम देने की बात कही गई थी. उन्होंने कहा कि 'हर हाथ को काम, हर हुनर को सम्मान' अब केवल नारा नहीं, धरातल पर उतरती योजना है.
महिला सशक्तिकरण को मिली नई रफ्तार
कैबिनेट बैठक में महिला श्रमिकों के लिए भी बड़ा फैसला लिया गया. अब महिलाएं कुछ शर्तों के साथ उन 29 खतरनाक श्रेणियों के कारखानों में भी काम कर सकेंगी, जहां पहले उनका काम करना प्रतिबंधित था. श्रम मंत्री ने बताया कि पहले ही 12 और फिर हाल में 4 श्रेणियों में उन्हें अनुमति मिल चुकी थी, अब ये दायरा सभी 29 पर लागू होगा. मंत्री राजभर ने कहा, अब वक्त है कि हमारी बहनें भी उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दौड़ में भागीदार बनें.
कैबिनेट में अन्य फैसले भी
कैबिनेट बैठक में एक और बड़ा फैसला लेते हुए योगी सरकार ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाले नए ग्रीनफील्ड लिंक एक्सप्रेसवे को मंजूरी दी है. करीब 49.96 किलोमीटर लंबा छह लेन का यह एक्सप्रेसवे भविष्य में आठ लेन तक विस्तारित किया जा सकेगा. इसका निर्माण ईपीसी मॉडल पर होगा, जिस पर राज्य सरकार करीब ₹4775 करोड़ खर्च करेगी.
परियोजना के फायदे:
- लखनऊ, आगरा, प्रयागराज, वाराणसी, गाजीपुर जैसे शहरों के बीच यात्रा होगी और तेज
- राजधानी लखनऊ में ट्रैफिक का दबाव होगा कम
- लॉजिस्टिक्स और उद्योगों को मिलेगा बड़ा लाभ
- यूपी के एक्सप्रेसवे नेटवर्क को मिलेगा नया विस्तार
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