सीएम योगी देने जा रहे धार्मिक पर्यटन को नई उड़ान, 4560 करोड़ की महायोजना से बदलेगा स्वरूप

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उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. प्रदेश सरकार ने ऐतिहासिक, पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व वाले स्थलों को आपस में जोड़ने वाले मार्गों के सुदृढ़ीकरण और सौंदर्यीकरण के लिए 4,560 करोड़ रुपये की विशाल योजना पूरी करने जा रही है. इस योजना के अंतर्गत 272 कार्यों को वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाएगा.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रदेश की आस्था और विरासत से जुड़े धार्मिक स्थलों का सौंदर्यीकरण, जीर्णोद्धार और सुदृढ़ीकरण प्रदेश सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल है. इसका उद्देश्य श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर यात्रा सुविधाएं उपलब्ध कराना है, ताकि उत्तर प्रदेश को वैश्विक धार्मिक पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान मिल सके.

किन मार्गों को मिलेगा लाभ

न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक इस योजना के तहत अयोध्या, वाराणसी, मथुरा, चित्रकूट, प्रयागराज, नैमिषारण्य और मीरजापुर सहित प्रदेश के विभिन्न पवित्र स्थलों को आपस में जोड़ने वाले मार्गों को शामिल किया गया है. इन मार्गों के चौड़ीकरण, पुनर्निर्माण और सुदृढ़ीकरण के साथ-साथ सौंदर्यीकरण और यातायात प्रबंधन जैसे कार्य किए जाएंगे.

धर्मार्थ कार्य विभाग और PWD की संयुक्त कार्ययोजना

लोक निर्माण विभाग द्वारा तैयार कार्ययोजना के अनुसार इन कार्यों को धर्मार्थ कार्य विभाग के समन्वय से क्रियान्वित किया जाएगा. जिन मार्गों को विकास के लिए चुना गया है, उनकी स्वीकृति धर्मार्थ कार्य विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा की गई है. प्राथमिकता उन्हीं मार्गों को दी जा रही है जिनसे प्रतिवर्ष 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं का आवागमन होता है.

भूमि अधिग्रहण रहित परियोजनाओं को मिलेगी प्राथमिकता

सरकार की योजना है कि विकास कार्यों में उन्हीं मार्गों को वरीयता दी जाए जिनमें भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं है, ताकि परियोजनाओं में देरी न हो और लागत भी कम आए. योजना के तहत पैचवर्क, फुटपाथ निर्माण, कैरियजवे सुदृढ़ीकरण, लेन मार्किंग, मुख्य मार्गों का चौड़ीकरण, सौंदर्यीकरण और सड़क सुरक्षा जैसे कार्य शामिल हैं.

पर्यटन से जुड़े क्षेत्रों को मिलेगा आर्थिक लाभ

अधिकारियों का कहना है कि इस परियोजना से न सिर्फ धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि संबंधित क्षेत्रों में स्थानीय रोजगार, व्यापार, पर्यटन सेवा उद्योग और सामुदायिक विकास को भी गति मिलेगी. तीर्थ स्थलों के निकट छोटे व्यवसाय, होटल, परिवहन और खानपान सेवाओं को सीधा लाभ मिलने की संभावना है. अधिकारियों के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार की यह योजना न केवल प्रदेश के धार्मिक स्थलों की विरासत संरक्षण की दिशा में अहम है, बल्कि इससे प्रदेश को वैश्विक धार्मिक पर्यटन हब के रूप में भी स्थापित करने में मदद मिलेगी.

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