पिछले साल से ही बढ़ गई थी पाकिस्तानी डैम पर चीनी एक्टिविटी... सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि (IWT) को सस्पेंड करने से पाकिस्तान बौखला गया है. इसके कारण पाकिस्तान को अपने सहयोगी चीन से स्वात नदी पर मोहमंद बांध (Mohmand Dam) के निर्माण में तेजी लाने की गुजारिश करनी पड़ी है, जिससे उसकी वॉटर सिक्योरिटी मजबूत हो सके. सोमवार को चीन की सरकारी मीडिया ने कहा, "भारत द्वारा हाल ही में जल आपूर्ति बंद करने की धमकी के जवाब में पाकिस्तान में उसके 'प्रमुख' बांध परियोजना पर काम तेज कर दिया गया है."

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इंडिया टुडे ने स्वतंत्र रूप से वेरिफाइड सैटेलाइट इमेजरी से पता लगाया है कि मोहमंद डैम प्रोजेक्ट पर निर्माण कार्य भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के महीनों पहले ही सितंबर 2024 में तेज हो गया था.

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यूरोपीय स्पेस एजेंसी द्वारा ली गई सैटेलाइट तस्वीरों में पिछले साल सितंबर में मोहमंद बांध के मुख्य रॉक-फिल तटबंधों को आकार लेते हुए दिखाया गया है. इसके तुरंत बाद, समर्थन और सहायक मकसदों के लिए आस-पास नई संरचनाएं उग आईं.

17 मई, 2025 की लेटेस्ट सैटेलाइट इमेज में चट्टान की दीवारों के बगल में सीमेंट जैसी सामग्री का एक बड़ा कॉन्स्ट्रक्शन दिखाया गया है, जो दर्शाता है कि प्रोजेक्ट कंक्रीट डालने और संरचनात्मक सुधारीकरण के एडवांस स्टेज में चली गई है.

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सिंधु नदी के पानी तक पाकिस्तान की पहुंच को सीमित करने की भारत की कोशिश को अफ़गानिस्तान सरकार तक उसकी पहुंच के साथ जोड़ दिया गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत ने अफ़गानिस्तान में काबुल नदी पर शहतूत बांध (Shahtoot Dam) परियोजना पर भी काम तेज़ कर दिया है.

भारत और अफगानिस्तान के बीच क्या बातचीत हुई?

15 मई को विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और अफ़गान विदेश मंत्री के बीच बातचीत के दौरान बांध निर्माण पर चर्चा हुई. शहतूत बांध में 2 मिलियन काबुल नागरिकों के लिए 146 मिलियन क्यूबिक मीटर पीने लायक पानी होगा और 4,000 हेक्टेयर ज़मीन की सिंचाई होगी. यह काबुल के बाहरी इलाके में देह सब्ज़ नाम के एक नए शहर के लिए पीने का पानी भी मुहैया कराएगा.

इस प्रोजेक्ट ने पाकिस्तान में चिंता बढ़ा दी है, उसे डर है कि बांध काबुल नदी के प्रवाह को बाधित कर सकता है और पानी की पहुंच को और कम कर सकता है. साल 2001 से भारत ने अफ़गानिस्तान के विकास में करीब 2 बिलियन डॉलर का निवेश किया है. 

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अफ़गान एक्सपर्ट्स ने बांध को भविष्य की जल सुरक्षा के लिए अहम बताया है. लेकिन इस्लामाबाद में, अधिकारी इसे पाकिस्तान की जल आपूर्ति पर कंट्रोल को मजबूत करने की भारत की बड़ी रणनीति के हिस्से के रूप में देखते हैं, खासकर IWT को स्थगित करके.

पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट Dawn की रिपोर्ट के मुताबिक, काबुल नदी बेसिन में शहतूत बांध और अन्य नियोजित बांधों के पूरा होने के बाद काबुल नदी का प्रवाह 16 से 17 फीसदी तक कम हो सकता है.

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