Corona Virus Return In UK: कोरोना वायरस एक बार फिर दुनिया में अपनी मौजूदगी का एहसास कराने लगा है. हालात अभी वैसे गंभीर नहीं हैं जैसे पहले थे, लेकिन कुछ देशों में इसके मामलों में अचानक तेजी जरूर चिंता बढ़ा रही है. सबसे ज्यादा असर इस बार ब्रिटेन में देखा जा रहा है, जहां कोविड-19 से होने वाली मौतों की संख्या सिर्फ एक हफ्ते में लगभग दोगुनी हो गई है.
ब्रिटेन में कोविड से मौतों में 65% की बढ़ोतरी
ब्रिटेन सरकार के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, 2 मई को खत्म हुए सप्ताह में 101 लोगों की मौत कोविड-19 से हुई, जिनका उल्लेख डेथ सर्टिफिकेट पर किया गया है. यह संख्या पिछले हफ्ते के मुकाबले 65% ज्यादा है. इससे पहले जनवरी में एक सप्ताह में 111 मौतें दर्ज हुई थीं. हालांकि ये आंकड़े अब भी नवंबर 2023 में आए 273 साप्ताहिक मौतों के मुकाबले कम हैं, लेकिन अचानक आई यह बढ़त चिंता पैदा कर रही है.
तेजी से फैल रहा है JN.1 वैरिएंट
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, ओमिक्रोन का सबवैरिएंट JN.1 इस तेजी के लिए जिम्मेदार है. यह वैरिएंट दुनिया के कई हिस्सों में फैल चुका है और ग्लोबली एक प्रमुख स्ट्रेन बन गया है. यही कारण है कि कई देशों में संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है. केवल ब्रिटेन ही नहीं, एशिया के कई देशों में भी कोरोना के मामलों में फिर से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इसके अलावा सिंगापुर में 3 मई को खत्म हुए सप्ताह में कोरोना संक्रमण के मामले 11,100 से बढ़कर 14,200 हो गए है. अस्पताल में भर्ती मरीजों की औसत संख्या भी 102 से बढ़कर 133 हो गई है.
थाईलैंड में यहां 17 मई को खत्म सप्ताह में कोविड केस दोगुने से ज्यादा होकर 33,000 के पार पहुंच गए है. सरकार ने नागरिकों से बूस्टर डोज लगवाने की अपील की है. हांगकांग में 10 मई को खत्म हुए सप्ताह में 1,042 केस दर्ज किए गए, जो पिछले सप्ताह के 972 केसों से ज्यादा हैं वहां के हेल्थ डिपार्टमेंट के अनुसार, कोविड की दो सक्रिय लहरें पहले भी आई थीं.य एक अप्रैल से जुलाई 2023 के बीच और दूसरी फरवरी से मार्च 2024 तक. अब अप्रैल 2025 के मध्य से संक्रमण फिर से सक्रिय होता दिख रहा है.
खतरा कितना बड़ा?
फिलहाल कोरोना की यह वापसी पहले जैसी गंभीर नहीं है, लेकिन वायरस के नए रूप और तेज़ी से बढ़ते मामले ये संकेत दे रहे हैं कि सतर्क रहना ज़रूरी है. हेल्थ एजेंसियां लगातार मॉनिटरिंग कर रही हैं और लोगों को सलाह दी जा रही है कि जरूरत पड़ने पर मास्क, हाथ धोना और भीड़भाड़ से बचना जैसी सावधानियों को अपनाएं. ब्रिटेन में मौतों में तेज़ी और एशिया में बढ़ते केस यह दर्शाते हैं कि अलर्ट रहने की जरूरत अभी खत्म नहीं हुई है.