हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले बीते कुछ सालों में काफी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो हार्ट अटैक से पहले दिखाई देते हैं.
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Heart Attack
बीते कुछ सालों में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट का खतरा काफी ज्यादा बढ़ गया है. किसी भी इंसान को हार्ट अटैक आने से पहले उनकी बॉडी उनको कुछ दिनों पहले या कुछ महीनों पहले से ये वार्निंग साइन्स जरूर देती है. हाल ही में एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला की कार्डियक अरेस्ट के कारण बहुत कम उम्र में ही मौत हो गई. हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट आने से पहले शरीर में कुछ संकेत दिखाई देने लगते हैं. आज हम आपको हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट आने से पहले शरीर में दिखाई देने वाले संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में-
बहुत ज्यादा थकान और सिरदर्द- अगर आप कोई भी भारी काम किए बिना भी बहुत जल्दी थक जाते हैं जैसे नॉर्मल राउटाइन वॉक में सीढ़ियां चढ़ने पर या फिर अपने डे टू डे वर्क करने पर भी बहुत जल्दी थक जाते हैं. आराम करने के बावजूद भी थकावट नहीं जाती और साथ ही एक कंटीन्यूअस सिर दर्द रहता है जो दिन ब दिन बढ़ते जा रहा है. तो ये एक संकेत है कि आपका हार्ट वीक हो रहा है.
जी मिचलाना और चक्कर आना- अगर आपको बिना किसी धूप के या स्ट्रेस के भी बार बार चक्कर आ रहे है, आंखों के सामने अंधेरा छा जाता है या फिर अचानक से बेहोश हो जाते हैं तो ये हार्ट में सर्कुलेशन प्रॉब्लम को इंडिकेट करता है.
चेस्ट डिस्कम्फर्ट- हर बार हार्ट अटैक जोर से दर्द नहीं करता. कई बार खाली सीने में जलन, दबाव जकड़न या फिर हल्की बेचैनी भी महसूस होती है जो कुछ मिनटों में चली जाती है लेकिन ये गंभीर संकेत हो सकता है. अपने बॉडी के एक हाथ में या एक पैर में या फिर एक फेस पर नंबनेस या वीकनेस फील करना ये भी एक हार्ट का ब्लड फ्लो डिक्रीज होने का संकेत होता है.
पैरों में स्वेलिंग आना या फिर अचानक से वजन बढ़ना- अगर आपके पैरों में एडियों में या फिर पेट पर कहीं पे भी सूजन आ रही है या फिर आपका अचानक से वेट गेन होना शुरू हो गया है तो ये आपका हार्ट के द्वारा ब्लड पंप न कर पाने का एक संकेत हो सकता है.
विजन में बदलाव- डबल विजन होना, धुंधला दिखना, किसी भी चीज़ पर फोकस न कर पाना और इसके कारण चक्कर आके गिर जाना. ये आपकी कोरोनरी आर्टरी में ब्लॉकेज का संकेत हो सकता है.
स्टडीज बताती है कि दो हज़ार बीस से दो हज़ार पच्चीस तक हार्ट अटैक के केस लगभग चालीस गुना बढ़ चुके हैं और सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात तो ये है कि इनमें से पचास पर्सेंट से भी ज्यादा केस में मरने वालों की उम्र चालीस से भी कम है.