हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बादल फटने और फ्लैश फ्लड की घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है, जबकि 34 लोग अब भी लापता हैं. मंगलवार-बुधवार की रात आई इस आपदा ने पूरे इलाके में तबाही मचा दी. प्रशासन और राहत एजेंसियां लापता लोगों की तलाश में लगातार लगी हुई हैं.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा प्रभावित क्षेत्र स्याथी गांव (धर्मपुर) का दौरा किया और विशेष राहत पैकेज की घोषणा की. साथ ही पशुधन और गौशालाओं के नुकसान के लिए अतिरिक्त मुआवज़े का वादा किया. उन्होंने कहा कि जिन लोगों के घर तबाह हो गए हैं, उन्हें सरकार जमीन उपलब्ध कराएगी, भले ही वह वन विभाग के अधीन हो.
इन जिलों में अलर्ट जारी
राज्य में मंगलवार को बादल फटने की 11, 4 फ्लैश फ्लड और एक भूस्खलन की घटनाएं हुईं, जिनमें सबसे अधिक नुकसान मंडी जिले में हुआ. मौसम विभाग ने चंबा, कुल्लू, मंडी, कांगड़ा और शिमला जिलों में फ्लैश फ्लड का अलर्ट जारी किया है, जिससे राहत कार्यों में बाधा आने की आशंका है.
मंडी में 151 सड़कों पर यातायात बंद है, 489 ट्रांसफॉर्मर और 465 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं. पूरे राज्य में अब तक 245 सड़कें बंद, 918 ट्रांसफॉर्मर ठप, और 3,698 जल परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं.
आपदा में अब तक 148 मकान, 104 पशु शेड, 14 पुल और 31 वाहन क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. 162 मवेशियों की मौत हुई है, जबकि 370 लोगों को सुरक्षित निकाला गया, जिनमें से 316 मंडी से हैं.
'पक्की जमीन वाले इलाकों में भी भूस्खलन होना चिंताजनक'
सीएम सुक्खू ने हवाई सर्वे कर नुकसान का जायजा लिया और राहत सामग्री भी वितरित की. उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी तबाही पहले कभी नहीं देखी गई, और पक्की ज़मीन वाले इलाकों में भी भूस्खलन होना चिंताजनक है, जिस पर वैज्ञानिक अध्ययन की आवश्यकता है.
विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर, जो खुद मंडी जिले के सेराज क्षेत्र से विधायक हैं, उन्होंने आशंका जताई है कि लापता लोगों की संख्या और बढ़ सकती है. उन्होंने हवाई मार्ग से राशन पहुंचाने की मांग भी की है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की टीमें मौके पर राहत और बचाव में जुटी हैं.