उत्तर प्रदेश के कानपुर में चंद्रशेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (सीएसए) के शेखर छात्रावास में रहने वाले 9 छात्रों को भीषण गर्मी में बिना अनुमति कूलर लगाना महंगा पड़ गया. जिसके चलते इन छात्रों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया गया है. वहीं अब विवि प्रशासन द्वारा की गई इस कार्रवाई पर सवाल खड़े हो गए हैं.
दरअसल विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता (DSW) ने हॉस्टल का आकस्मिक निरीक्षण किया तो देखा कि कई छात्र बिना अनुमति लिए कूलर चला कर ठंडी हवा के मजे ले रहे हैं. ऐसे में निरीक्षण के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए सभी नौ छात्रों पर 10-10 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया है.
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हॉस्टल में कूलर लगाने के लिए लेनी होती है अनुमति
प्रशासन के अनुसार छात्रावास नियमावली के तहत हॉस्टल में कूलर लगाने के लिए पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य है. जिसके लिए 5000 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है. यह अनुमति हर वर्ष केवल 1 मार्च से 15 नवंबर तक के लिए वैध होती है.
स्टूडेंट वेलफेयर मामलों की जिम्मेदार मुकेश कुमार ने बताया इन छात्रों ने न तो निर्धारित शुल्क जमा किया था, न ही प्रशासन से अनुमति प्राप्त की थी. बावजूद इसके उन्होंने कूलर का इस्तेमाल किया. इससे हॉस्टल की विद्युत व्यवस्था पर भी अतिरिक्त दबाव पड़ा. बिजली काफी महंगी हो गई है ऐसे में 14-15 छात्र बिना अनुमति कूलर चलाएंगे तो बिजली का बिल बहुत आएगा.
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जुर्माने पर विवि ने दिया ये जवाब
जिन छात्रों के कमरों में बिना अनुमति कूलर पाए गए उनके नाम इस प्रकार हैं: अंकित कुमार, सिद्धांत कुमार, रोहित कुमार जायसवाल, शिव लखन, प्रवीण कुमार यादव, अरुण प्रताप, अश्विनी कुमार, सूरज सिंह और जय शुक्ला. विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में नियमों के उल्लंघन पर और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे, ताकि अनुशासन और संसाधनों के संतुलित उपयोग को सुनिश्चित किया जा सके.
मामले में हॉस्टल के छात्रों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जुर्माने की इतनी बड़ी रकम भरना हम लोगों के लिए संभव नहीं है. क्योंकि सब छात्र मध्य वर्गीय परिवार से हैं. हमारा परिवार किसी तरह से हमारी फीस ही जमा कर पाता है. हम लोग दूर-दूर से आकर यहां पढ़ाई करते हैं. ऐसे जुर्माना भरने से हम लोगों पर अतिरिक्त भार पड़ेगा.