अमेरिका की जांच एजेंसी FBI के डायरेक्टर काश पटेल ने उन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है, जिनमें दावा किया जा रहा था कि वे जेफ्री एपस्टीन मामले को लेकर ट्रंप प्रशासन से असंतुष्ट हैं और अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. पटेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, 'साजिश की थ्योरियां झूठी हैं, पहले भी थीं, अब भी हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रपं की सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात है, और जब तक वह कहेंगे, मैं सेवा करता रहूंगा.'
दरअसल, काश पटेल का यह बयान डेली वायर की एक रिपोर्ट के बाद आया, जिसमें कहा गया था कि वह, अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी द्वारा एपस्टीन केस की महत्वपूर्ण फाइलों के प्रबंधन को लेकर नाराज हैं, और यदि एफबीआई के उपनिदेशक डैन बोंजीनो इस्तीफा देते हैं, तो पटेल भी पद छोड़ सकते हैं.
अपनी रिपोर्ट में पत्रकार मैरी मार्गरेट ओलोहन ने दावा किया था, 'DOJ से जुड़े सूत्रों के अनुसार, काश पटेल चाहते हैं कि पाम बॉन्डी को पद से हटाया जाए, और अगर बोंजीनो जाते हैं, तो वह भी पद छोड़ सकते हैं.'
डोनाल्ड ट्रंप की सहयोगी और दक्षिणपंथी टिप्पणीकार लॉरा लूमर ने भी एफबीआई और न्याय विभाग (DOJ) के बीच एपस्टीन फाइलों को लेकर तनाव होने की बात कही है.
संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति से शुरू हुआ विवाद
बता दें कि इस विवाद की जड़ उस दो पेज की संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति है जिसे सोमवार को DOJ और FBI ने जारी किया. उसमें यह निष्कर्ष निकाला गया कि जेफ्री एपस्टीन के पास कोई 'क्लाइंट लिस्ट' नहीं थी. यह बयान अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी के उस पुराने दावे के खिलाफ था जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके पास ऐसी सूची है.
DOJ ने एपस्टीन की मौत को आत्महत्या बताते हुए एक वीडियो भी जारी किया, लेकिन वीडियो से गायब एक मिनट के कारण साजिश के सिद्धांत और मजबूत हो गए. DOJ के वरिष्ठ अधिकारी टॉड ब्लैंच ने इन आरोपों का खंडन करते हुए लिखा, 'हम सभी ने उस मेमो की सामग्री और निष्कर्षों पर हस्ताक्षर किए थे. FBI और DOJ के नेतृत्व में किसी तरह का मतभेद होने की बात बिल्कुल झूठ है.'
व्हाइट हाउस ने भी आरोपों का किया खंडन
वहीं, व्हाइट हाउस ने भी इसको लेकर बयान जारी किया. प्रवक्ता हैरिसन फील्ड्स ने कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप ने एक अनुभवी और कानून-व्यवस्था के प्रति समर्पित टीम बनाई है, जो अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा, अपराधियों को सज़ा दिलाने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के काम में एकजुट है. टीम के भीतर फूट डालने की कोई भी कोशिश निराधार है और यह उन ठोस प्रयासों से ध्यान भटकाने की कोशिश है जो जनता की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे हैं.'
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