रियलिटी शो बिग बॉस 17 विजेता मुनव्वर फारुकी ने हाल ही में बचपन के मुश्किल दिनों को लेकर बात की. साथ ही उन्होंने अपनी मां की मौत के पीछे की परिस्थितियों को याद किया. प्रखर गुप्ता के साथ एक इंटरव्यू में मुनव्वर ने कहा कि उनके परिवार ने उन्हें कभी उनकी मां की मौत को प्रोसेस करने का मौका नहीं दिया और समय के साथ उनके पिता के प्रति उनकी नफरत बढ़ गई. मुनव्वर ने उस दिन को याद किया जब उनकी मां चल बसी थीं और कैसे उनके परिवार की अन्य प्राथमिकताएं थीं. उन्होंने माना कि वह अपने पिता को 'खलनायक' के रूप में देखते थे.
मुनव्वर फारूकी का छलका दर्द
इंटरव्यू में मुनव्वर ने मां के बारे में कहा, 'उन्हें उनके परिवार से कभी भी किसी तरह की सराहना नहीं मिली. मेरे पिता के साथ 22 साल की शादी में उन्होंने बहुत कुछ सहा. वह बहुत धैर्यवान थीं, लेकिन उस धैर्य की भी एक सीमा होती है. वह इतने लंबे समय तक बहुत कुछ दबाए बैठी थीं. मैं 13 साल का था, और किसी ने सुबह मुझे जगाया और बताया कि वह अस्पताल में हैं. जब मैं वहां पहुंचा, तो मुझे पता चला कि मेरे परिवार ने किसी को यह बताने से मना कर दिया कि उन्होंने जहर खा लिया था. उन कारणों से जो मुझे कभी समझ नहीं आए. उस अस्पताल में एक नर्स थी जो मेरी मां की तरफ से परिवार की दोस्त थी, और मैंने उसे बताया. उन्हें तुरंत इमरजेंसी रूम में ले जाया गया, लेकिन उनका निधन हो गया. उन्होंने कहा कि वह अक्सर अपनी मां को अपने पिता के हाथों दुर्व्यवहार सहते हुए देखते थे और उस स्थिति में असहाय महसूस करते थे.
मुनव्वर ने कहा कि उन्हें कभी शोक करने का मौका नहीं मिला. कॉमेडियन ने परिवार को लेकर कहा, 'उन्होंने मुझे मेरी मां के निधन को प्रोसेस करने नहीं दिया. उनके (मां) जाने के अगले ही दिन सुबह, उन्होंने मुझे बुलाया और ढेर सारे काम सौंप दिए और कहा कि 'रोना नहीं'. उन्होंने मुझे हर चीज का जिम्मेदार बना दिया और कहा कि मुझे मजबूत होना है और सबका ख्याल रखना है. यह उनकी गलती नहीं थी, लेकिन ऐसा ही हुआ. मुझे याद नहीं कि मैंने दुख महसूस किया, और मुझे याद है कि अंतिम संस्कार के दौरान भी मैंने ऐसा दिखाया जैसे सब कुछ पूरी तरह सामान्य है. मैं अंदर से रो रहा था, लेकिन बाहर कुछ भी नहीं आया. मैं सभी से नाराज था और मुझे वे सभी लोग याद थे जो कभी मेरी मां के साथ बुरा व्यवहार करते थे, लेकिन एक समय पर मैंने उन सभी को माफ कर दिया.'
पिता से नफरत करते थे कॉमेडियन
उन्होंने अपने पिता के बारे में भी बात की और कहा कि चाहे कितनी भी कोशिश की, वह उनके प्रति अपनी नफरत को बनाए नहीं रख सके. मुनव्वर ने कहा, 'शुरुआत में मैं अपने पिता से बहुत नाराज था, लेकिन जब मैंने उन्हें अपनी गलती का एहसास होते देखा, तो मैंने अपनी नाराजगी छोड़ दी. मां की मौत के दो साल बाद मेरे पिता को पैरलिसिस का दौरा पड़ा और उनके शरीर का 80 प्रतिशत हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया. वह 11 साल तक ऐसे ही रहे. मैं उन्हें खलनायक के रूप में देखता था, लेकिन वह फिर भी मेरे पिता थे. आप खुद को बताने लगते हैं कि उन्होंने कुछ गलत किया, लेकिन उन्हें उसकी सजा भी मिली, वह भी बीमार हैं. इस इंसान से मैं क्या नफरत करूं? उनके पास मेरे अलावा कोई और नहीं था. उस स्थिति ने मुझे क्षमाशील बना दिया, और फिर आप हर चीज को छोड़ते चले जाते हैं. फिर कुछ भी आपको प्रभावित नहीं करता.'
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