'बाढ़ ने छीनी आजीविका... अब कुछ नहीं बचा', पंजाब से हरियाणा-दिल्ली पलायन करने वाले किसानों की आपबीती

3 days ago 1

पंजाब में बहने वाली नदियों रावी, सतलज और ब्यास में आई बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है. 1800 से ज्यादा गांवों जलमग्न हो चुके हैं, जिससे हजारों हेक्टेयर खेतों में पानी भर गया है और फसलें बर्बाद हो गई हैं. इस स्थिति से स्थानीय लोगों के साथ-साथ उन लोगों की रोजी-रोटी भी खतरे में आई है जो बिहार से पंजाब के खेतों में धान रोपने और कटाई के काम से अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे, लेकिन इस बार बाढ़ ने उनकी आजीविका छीन ली है. ऐसे में अब ये मजदूर दिल्ली और हरियाणा की ओर पलायन कर रहे हैं.

सहरसा जंक्शन इन दिनों ऐसे मजदूरों से भरा हुआ है जो पंजाब में काम करने के बाद लौटे हैं और अब नए ठिकानों की तलाश में हैं. इनमें से कई मजदूर दिल्ली और हरियाणा जाने वाली ट्रेनों का इंतजार कर रहे हैं. स्टेशन पर बैठे मजदूरों की कहानियां एक जैसी हैं- पंजाब में बाढ़ ने उनकी आजीविका छीन ली और अब परिवार चलाने के लिए उन्हें दूसरी जगहों पर काम ढूंढना पड़ रहा है. हमारी टीम ने ऐसे ही कुछ मजदूरों से बात की है और उनके दर्द को जानने की कोशिश की है.

'कटाई से पहले खेतों में भरा पानी'

अरविंद कुमार ने बताया कि वह पिछले एक दशक से पंजाब के खेतों में मजदूरी करते थे. उन्होंने कहा कि हम हर साल पंजाब आकर धान रोपते और कटाई करते थे. इस बार भी धान लगाया था, लेकिन बाढ़ ने सब बर्बाद कर दिया. कटाई का काम शुरू होने से पहले ही खेतों में पानी भर गया. अब मजबूरी में हरियाणा जा रहे हैं, शायद वहां कुछ काम मिल जाए.

'मोबाइल नहीं हो पा रहे चार्ज'

इसी तरह सहरसा जिले के महिषी गांव के अर्जुन कुमार ने अपनी व्यथा सुनाई. उन्होंने कहा, 'वह अमृतसर में मजदूरी करते थे, लेकिन बाढ़ ने उनके सारे रास्ते बंद कर दिए. मेरे कई साथी अभी-भी पंजाब में फंसे हैं. वहां बिजली की समस्या है, मोबाइल चार्ज नहीं हो पा रहा, जिससे उनसे संपर्क टूट गया है. अब मैं हरियाणा जा रहा हूं, क्योंकि परिवार तो चलाना ही है.'

अशोक राम की कहानी भी कुछ अलग नहीं है. वह पंजाब में धान की रोपाई और कटाई का काम करता था, लेकिन इस बार बाढ़ ने उसका रास्ता बदल दिया. अशोक ने बताया, 'मेरे साथी मजदूरों से संपर्क नहीं हो पा रहा. बाढ़ ने सब कुछ डुबो दिया. अब हरियाणा की ओर जा रहे हैं, उम्मीद है वहां कुछ काम मिलेगा.'

साहेब ने भी यही कहानी है, वह इस बार पंजाब के जालंधर में धान बोकर आया, लेकिन जब काटने के लिए जाना था तो, वहां बाढ़ आ गई. उन्होंने कहा कि अब वह काम ढूंढने दिल्ली या हरियाणा जा रहे हैं.

पंजाब को हुआ भारी नुकसान

बता दें कि पंजाब में सैलाब ने किसानों का भी दम निकाल दिया है. बाढ़ से हुए नुकसान का सही आकलन अभी मुश्किल है, लेकिन अनुमान है कि ये 1500 करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है. यदि पानी का प्रवाह जारी रहा तो नुकसान और बढ़ेगा. बाढ़ की स्थिति के बीच मुख्यमंत्री भगवंत मान केंद्र से 60,000 करोड़ रुपये फंसे धनराशि और मुआवजा राशि को 6,800 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रति एकड़ करने की मांग कर रहे हैं. उनकी इस मांग का कारण गन्ना, सब्जियां, फल और मवेशियों समेत बड़े पैमाने पर हुए नुकसान को बताया जा रहा है, जिसका सही आकलन पानी कम होने के बाद ही पता चलेगा.

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