'रहस्यमयी एलियन स्पेसक्राफ्ट नवंबर में पृथ्वी पर कर सकता है हमला', नई स्टडी में वैज्ञानिकों ने किया दावा

13 hours ago 1

एक रहस्यमयी एलियन अंतरिक्ष यान तेजी से पृथ्वी की ओर आ रहा है और नवंबर में पृथ्वी पर हमला कर सकता है. वैज्ञानिकों ने यह दावा एक नई स्टडी में किया है. दरअसल, हाल ही में खोजी गई एक इंटरस्टेलर जिसका नाम 3I/ATLAS रखा है. वह काफी तेज गति से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है. वैज्ञानिकों को कुछ ऐसे संकेत मिले हैं,  जिस आधार पर इसके एलियन स्पेसक्राफ्ट होने की आशंका जताई है. 

डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार एक हालिया अध्ययन के अनुसार, मैनहट्टन के आकार की एक रहस्यमय चीज को एलियन अंतरिक्ष यान बताया गया है, जो इस नवंबर में पृथ्वी पर हमला करने के लिए तैयार है.

इस महीने की शुरुआत में दिखा था रहस्यमयी इंटरस्टेलर ऑबजेक्ट
इस महीने की शुरुआत में, वैज्ञानिकों ने एक दुर्लभ इंटरस्टेलर ऑबजेक्ट  देखे जाने की पुष्टि की थी. यह अपनी तरह का अब तक देखा गई तीसरी ऐसी चीज है जो हमारे सौर मंडल से तेज गति से गुजर रही है. 22 जुलाई को प्रकाशित एक साइंटिफिक पेपर ने यह सिद्धांत प्रस्तुत किया गया है कि 3I/ATLAS नामक यह वस्तु, एक एक्स्ट्राटेरिटेरियल तकनीक हो सकती है और हमारे ग्रह पर अचानक हमला कर सकती है.

शोधकर्ताओं का अनुमान है कि 3I/ATLAS की कक्षा ऐसी है कि जैसी कोई एलियन यान बिना पकड़ में आए चमका देकर पृथ्वी तक आसानी से पहुंचना सकता है. यही वजह है कि वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि नवंबर के अंत में जब यह सूर्य के सबसे निकट पहुंचेगा, तो यह पृथ्वी की नजरों से ओझल हो जाएगा, जिससे यह अपनी गति धीमी करने और सौर मंडल में बने रहने के लिए एक सीक्रेट हाईस्पीड युद्धाभ्यास कर सकेगा और गुप्त रूप से हमले की तैयारी करेगा.

सौर मंडल में अजीब गति से चल रहा यह रहस्यमयी चीज 
साइंस रिसर्च पेपर में इस पर अध्ययन करने वाले ने यह भी बताया कि 3I/ATLAS के आगे बढ़ने का रास्ता और गति असामान्य है, जो इसे शुक्र, मंगल और बृहस्पति जैसे ग्रहों के बहुत करीब ले आता है. ऐसा संयोगवश होने की संभावना बहुत कम है तथा इसकी संभावना 0.005% से भी कम है.

इस शोध पत्र के लेखकों में से एक, जिसका अभी रिव्यू होना बाकी है, एवी लोएब हैं. एवी हार्वर्ड के एक प्रसिद्ध खगोल भौतिक विज्ञानी हैं. साथ ही अपने विवादास्पद शोध और एक्सट्राटेरिटेरियल इंटेलिजेंस की खोज पर मुखर विचारों के लिए जाने जाते हैं.

पहले भी एलियन टेक्नोलॉजी को लेकर हो चुके हैं ऐसे दावे
उन्होंने यह दावा करके सुर्खियां बटोरी थी कि 2017 की इंटरस्टेलर 'ओउमुआमुआ' अपने अजीबोगरीब एक्सलरेशन और आकार के आधार पर किसी एलियन सभ्यता द्वारा निर्मित एक आर्टिफिशियल टेस्ट हो सकती है. इस शोधपत्र पर लंदन स्थित इनिशिएटिव फॉर इंटरस्टेलर स्टडीज के शोधकर्ता एडम हिबर्ड और एडम क्राउल भी काम कर रहे थे.

हिबर्ड और क्राउन यह स्पष्ट कर दिया है कि उनका शोध पूर्णतः अनुमानों पर आधारित और काल्पनिक है, जरूरी नहीं कि वह उन तथ्यों पर आधारित हो जिन पर वे विश्वास करते हैं. पेपर में कहा गया है कि यह शोधपत्र उल्लेखनीय है, लेकिन इनके हाइपोथेसिस की जांच भी जरूरी है. क्योंकि इस पर लेखकों का अनिवार्य रूप से कोई प्रभाव नहीं है, फिर भी यह निश्चित रूप से विश्लेषण और रिपोर्ट करने योग्य है. 

हालांकि, वे चेतावनी भी देते हैं कि यदि उनकी परिकल्पना सही साबित हुई, तो मानवता के लिए परिणाम भयावह हो सकते हैं. इसके लिए हमें रक्षात्मक कार्रवाई करने की आवश्यकता हो सकती है. अध्ययन में आगे कहा गया है कि यह परिकल्पना अपने आप में एक दिलचस्प अभ्यास है, और इसकी वैधता की संभावना के बावजूद, इस पर आगे बढ़ना मजेदार है.

पहली बार 1 जुलाई को दिखा था रहस्यमयी पिंड
यहां जिस रहस्यमयी पिंड की बात हो रही है, जिसे आधिकारिक तौर पर 3I/ATLAS (पहले A11pl3Z) के नाम से जाना जाता था. माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति किसी दूरस्थ तारा प्रणाली से हुई है तथा यह वर्तमान में 60 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से अंतरिक्ष में घूम रहा है.

3I/ATLAS को पहली बार 1 जुलाई को चिली के रियो हर्टाडो में स्थित क्षुद्रग्रह स्थलीय-प्रभाव अंतिम चेतावनी प्रणाली (ATLAS) सर्वेक्षण दूरबीन से देखा गया था. इसकी चौड़ाई 10 से 20 किलोमीटर के बीच है. यदि यह  बर्फ से बना है तो और भी छोटा हो सकता है - लेकिन इसका आकार अभी भी अज्ञात है.

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