भारत के पूर्व क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर का मानना है कि शुभमन गिल जैसे "वर्ल्ड-क्लास" बल्लेबाज़ के लिए कप्तान के रूप में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए रनों का अंबार लगाना बेहद जरूरी था. उन्होंने यह भी कहा कि युवा खिलाड़ियों ने यह दिखा दिया है कि वे भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने में पूरी तरह सक्षम हैं.
भारत ने लीड्स में पहले टेस्ट में हार के बाद शानदार वापसी करते हुए एजबेस्टन में इंग्लैंड को 336 रन से हराया और पांच मैचों की टेस्ट सीरीज 1-1 से बराबर कर ली. इस जीत के सूत्रधार रहे कप्तान शुभमन गिल, जिन्होंने मात्र चार पारियों में 585 रन बना डाले. इसमें तीन शानदार शतक शामिल हैं और उनका सर्वोच्च स्कोर 269 रन रहा है.
वेंगसरकर ने कहा, 'उन्होंने बतौर कप्तान और बल्लेबाज़ बेहद अच्छा प्रदर्शन किया है. किसी भी कप्तान के लिए यह जरूरी होता है कि वह रन बनाए ताकि वह नेतृत्व कर सके और टीम को दिशा दे सके, जो शुभमन ने बखूबी किया है. वह एक अनुभवी और वर्ल्ड-क्लास खिलाड़ी हैं, और इंग्लैंड की कठिन परिस्थितियों में उन्होंने यह साबित किया है. जब रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे खिलाड़ी टीम में नहीं थे, तब लोग चिंतित थे कि क्या होगा. लेकिन इन युवा खिलाड़ियों ने दिखा दिया कि वे तैयार हैं.'
ब्रैडमैन का रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं शुभमन?
शुभमन गिल के चार पारियों में 585 रन उन्हें सर डॉन ब्रैडमैन के 1930 एशेज में बनाए गए 974 रनों के ऐतिहासिक रिकॉर्ड के करीब ले जा रहे हैं. शुभमन को यह रिकॉर्ड तोड़ने के लिए अभी 390 रन की ज़रूरत है. इसपर वेंगसरकर ने कहा, 'गिल शानदार फॉर्म में हैं और एक बेहतरीन बल्लेबाज़ हैं. उम्मीद करता हूं कि वह यह रिकॉर्ड तोड़ें. हालांकि व्यक्तिगत रिकॉर्ड से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि वह भारत के लिए मैच जिताएं. किसी पारी या स्पेल का असर ही असली मूल्य होता है.
वेंगसरकर ने बिना नाम लिए कहा कि भारत ने कुछ बड़े खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में भी अच्छा प्रदर्शन किया है. भारत ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. अगर लॉर्ड्स टेस्ट में जीत मिलती है तो सीरीज में 2-1 की बढ़त हासिल हो जाएगी. मुझे भरोसा है कि भारत लॉर्ड्स में जीत दर्ज करेगा.
वेंगसरकर ने कहा कि लोगों को यह कहना बंद करना चाहिए कि "यह खिलाड़ी नहीं है, अब क्या होगा?" क्योंकि बाकी खिलाड़ी भी अच्छा कर सकते हैं, और ऐसे मौकों पर उन्हें प्रदर्शन करने का अवसर भी मिलना चाहिए.
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