इस अफ्रीकी देश के तेल में भारत की दिलचस्पी! यूरेनियम खरीद को लेकर भी बनी बात

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स (BRICS) शिखर सम्मेलन के बाद बुधवार को अफ्रीकी देश नामीबिया पहुंचे जहां उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया. पीएम मोदी का नामीबिया दौरा बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि इस दौरान दोनों देशों ने रक्षा, समुद्री सुरक्षा, डिजीटल टेक्नोलॉजी, एनर्जी और महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में अपने संबंधों को मजबूत बनाने पर चर्चा की. पीएम मोदी के नामीबिया दौरे की जानकारी देते हुए राजधानी विंडहोक में भारत के भारत के राजदूत राहुल श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि भारत नामीबिया से यूरेनियम और अन्य महत्वपूर्ण खनिजों (Critical Minerals) के आयात पर विचार कर रहा है. 

उन्होंने जानकारी दी कि भारत नामीबिया से व्यापार साझेदारी बढ़ाने पर भी विचार कर रहा है. राजदूत ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, 'हमें नामीबिया के महत्वपूर्ण खनिजों में रुचि है और हमारी कुछ सरकारी कंपनियां यहां निवेश करना चाहेंगी. हम नामीबिया से यूरेनियम निर्यात करने पर विचार कर रहे हैं.'

महत्वपूर्ण खनिजों को लेकर दुनियाभर के देशों में रुचि बढ़ी है जिसमें भारत भी शामिल है. ये खनिज आधुनिक तकनीकों, नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक गाड़ियों, बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, और रक्षा उपकरणों के लिए महत्वपूर्ण हैं. आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ये बेहद अहम माने जाते हैं. लिथियम, कोबाल्ट, निकेल, ग्रेफाइट, रेयर अर्थ मिनरल्स आदि महत्वपूर्ण खनिजों की श्रेणी में आते हैं.

इन खनिजों को लेकर दुनियाभर में मची होड़ के बीच भारत अफ्रीकी देशों का रुख कर रहा है. भारत जाम्बिया, कांगो और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से लिथियम, कोबाल्ट और तांबे जैसे महत्वपूर्ण खनिजों को निर्यात करने की सोच रहा है. भारत के खान सचिव वीएल कांता राव ने फरवरी में कहा था, 'अपने दूतावासों के जरिए हम खोज और माइनिंग को बढ़ावा देकर महत्वपूर्ण खनिजों को हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं.'
 
नामीबिया के तेल और गैस में भारत को दिलचस्पी

हाल ही में नामीबिया में तेल और गैस का बड़ा खजाना मिला है. भारतीय राजदूत राहुल श्रीवास्तव ने कहा कि भारत को नामीबिया के तेल और गैस में भी काफी रुचि है. भारत अपने इस्तेमाल के 85% से अधिक कच्चे तेल और गैस के लिए निर्यात पर निर्भर है. भारत फिलहाल रूस और मध्य-पूर्व के देशों से इनका निर्यात करता है लेकिन राजदूत के बयान से साफ है कि भारत तेल और गैस की अपनी खरीद में और विविधता लाने की कोशिश में अफ्रीकी देशों का रुख कर सकता है.

पिछले साल जब तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक (OPEC+) ने तेल की कीमतें बढ़ाने के लिए तेल उत्पादन में कटौती का फैसला किया था तब पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि दुनिया में बहुत तेल है और भारत, नामीबिया, गुयाना और सूरानाम जैसे अफ्रीकी देशों से तेल की खरीद के लिए बातचीत कर रहा है.

नामीबिया ने भारत में बने रक्षा हथियारों को खरीदने में भी रुचि दिखाई है. राजदूत ने बताया, 'हम रक्षा सहयोग पर चर्चा करेंगे क्योंकि नामीबिया भारत से रक्षा उपकरण खरीदना चाहता है, और अपनी शक्ति को बढ़ाना भारत-नामीबिया संबंधों के महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है, जिसे हम और आगे बढ़ाएंगे.' 

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