झारखंड में सुरक्षा बलों को नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता मिली है. प्रतिबंधित संगठन झारखंड जन मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के नौ माओवादी भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद के साथ आत्मसमर्पण कर दिया है. सरेंडर करने वालों में एक स्वयंभू जोनल कमांडर और चार सब-जोनल कमांडर शामिल हैं. इन सभी पर लाखों रुपए का इनाम घोषित था. ये लंबे समय से पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए थे.
लातेहार जिले में हुए सरेंडर को सुरक्षा बल केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं मान रहे, बल्कि उनका कहना है कि यह घटना झारखंड में माओवादी संगठन की रीढ़ तोड़ने वाला कदम साबित होगी. सरेंडर करने वाले नक्सलियों के सिर पर 23 लाख का इनाम घोषित था. इनमें सबसे चर्चित नाम जेजेएमपी के जोनल कमांडर रवींद्र यादव का है. इनके पास से हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद हुआ है.
आज दिनांक- 01.09.25 को लातेहार में JJMP संगठन के 09 उग्रवादियों ( जिनमें 01 ज़ोनल कमांडर, 04 सब-ज़ोनल कमांडर एवं 04 एरिया कमांडर शामिल हैं ) ने हमारे समक्ष आत्मसमर्पण किया।
इनके पास से कुल-12 हथियार (04 AK-47, 01 AK-56, 03 SLR एवं 04 अन्य प्रकार के हथियार) (1/2) pic.twitter.com/tBZ2zkMdcs
रवींद्र यादव पर 5 लाख रुपए का इनाम था. वो 14 मामलों में वांछित चल रहा था. उसने आत्मसमर्पण करते हुए अपने पास मौजूद दो एके-47 राइफल, तीन अन्य राइफल और 1241 जिंदा कारतूस पुलिस को सौंप दिए. इसके अलावा चार सब-जोनल कमांडरों ने भी सरेंडर किया. इनमें अखिलेश रवींद्र यादव (10 केस), बलदेव गंझू (9 केस), मुकेश राम (21 केस) और पवन उर्फ राम प्रसाद (3 केस) शामिल हैं.
इन सभी के सिर पर तीन-तीन लाख रुपए का इनाम घोषित था. ये नाम पुलिस रिकॉर्ड में खूंखार अपराधियों की सूची में दर्ज थे और गांवों में दहशत का पर्याय बने हुए थे. सरेंडर की लिस्ट में चार एरिया कमांडर भी शामिल हैं. ध्रुव, विजय यादव, श्रवण सिंह और मुकेश गंझू नामक ये माओवादी कुल नौ मामलों में वांछित थे. इनके आत्मसमर्पण से स्थानीय स्तर पर नक्सली नेटवर्क लगभग ध्वस्त हो चुका है.
इस संगठन के बचे-खुचे तंत्र को भी बड़ा झटका लगा है. इस ऑपरेशन के 4 एके-47 राइफल, 3 एसएलआर और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया है. यह सरेंडर पुलिस के लिए बड़ी जीत है, क्योंकि लंबे समय से लातेहार का इलाका माओवादियों का गढ़ माना जाता रहा है. पुलिस का साफ कहना है कि यह आत्मसमर्पण केवल कानून की जीत नहीं है, बल्कि शांति की दिशा में अहम कदम है.
बताते चलें कि इससे पहले भी बड़ी संख्या में नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के सामने हथियार डाले हैं. रविवार को प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन भाकपा (माओवादी) का सब-जोनल कमेटी सदस्य और एरिया कमेटी सदस्य गिरफ्तार गया था. उनके पास से एक पिस्टल, 11 कारतूस1, दो मैगजीन, दो वॉकी-टॉकी, डेटोनेटर और आईईडी जैसे विस्फोटक बनाने से संबंधित सामान बरामद किया गया था.
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