आज कल हर दूसरे व्यक्ति को हार्ट अटैक आ रहा है. ये बीमारी कुछ सालों पहले तक रेयर मानी जाती थी, लेकिन 3-4 साल के अंदर-अंदर यह बहुत आम हो गई है. एक-दो नहीं बल्कि कई लोग हैं जिनकी हार्ट अटैक के कारण मौत हो रही है. आलम ये है कि दुनिया भर में लाखों लोग दिल के दौरे से प्रभावित हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 2019 में लगभग 1.79 करोड़ लोगों की मृत्यु हार्ट और ब्लड वेसल्स की बीमारियों से हुई है और इनमें से 85% लोगों की मौत का कारण हार्ट अटैक या स्ट्रोक है.
हार्ट अटैक अचानक, बिना किसी चेतावनी के भी पड़ सकता है. इसका मतलब साफ है कि हर पल महत्वपूर्ण है. लेकिन अगर आप अकेले हों तो क्या होगा? 25 साल से ज्यादा एक्सपीरियंस वाले हार्ट सर्जन डॉ. जेरेमी लंदन ने कुछ आसान टिप्स बताए हैं, जो हार्ट अटैक के वक्त आपकी जान बचा सकते हैं.
इमरजेंसी हेल्प को तुरंत बुलाएं
अगर आपको हार्ट अटैक के कोई भी लक्षण महसूस हों, तो इंतजार न करें तुरंत इमरजेंसी हेल्प को कॉल करें. उन्हें अपने लक्षण बताएं और अपनी कंडीशन के बारे में जानकारी दें. हो सके तो मदद मिलने तक कॉल पर बने रहें क्योंकि देरी करने से कंडीशन और बिगड़ सकती है या आपके बचने की संभावना कम हो सकती है.
मदद के लिए अपना घर तैयार करें
जब आप मदद आने का इंतजार कर रहे हों तो अपने घर को तैयार रखें ताकि इमरजेंसी हेल्पर्स जल्दी पहुंच सकें. अगर रात का समय हो, तो अपने बरामदे की लाइटें जला दें ताकि वे आसानी से आपका घर ढूंढ सकें. अपने सामने के दरवाजे को पहले से ही खोल दें ताकि अगर आप बाद में उसे खोलने में कमजोर हो जाएं, तब भी वे अंदर आ सकें.
आराम से बैठें या लेटें
इसके बाद अपनी एनर्जी बचाने के लिए आराम से बैठें या लेट जाएं. बिस्तर या सोफे पर पैरों को थोड़ा ऊपर उठाकर लेटने से सांस लेना आसान हो जाता है और ब्लड फ्लो बेहतर होता है. अगर लेटना मुश्किल लगे तो कुर्सी पर शांत बैठ जाएं और ज्यादा हिलने-डुलने से बचें. स्थिर रहने से बेहोश होने या गिरने का खतरा कम हो जाता है.
दोस्त या परिवार वालों को फोन करें
इमरजेंसी हेल्प को कॉल करने के बाद, अपने किसी परिवार के सदस्य या दोस्त को फोन करें. उन्हें बताएं कि क्या हुआ है और कि एम्बुलेंस आ रही है. वे अस्पताल में आपसे मिल सकते हैं, डॉक्टरों को आपकी सेहत से जुड़ी जानकारी दे सकते हैं और जरूरत पड़ने पर आपकी मदद कर सकते हैं.
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