अचानक सोना-चांदी इतना सस्ता... खरीदें या करें इंतजार, 4 एक्सपर्ट्स की जान लें राय

11 hours ago 1

सोना और चांदी की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. इन कीमती धातुओं के भाव का अचानक इस तरह टूटना लोगों को हैरान कर रहा है, क्योंकि इससे पहले ये रोज रिकॉर्ड तोड़ते हुए नजर आ रहे थे. अब जबकि सोना-चांदी अपने हाई लेवल से काफी सस्ता मिल रहा है, तो ऐसे समय में इसे खरीदना चाहिए या फिर अभी और इंतजार करना चाहिए? इसे लेकर एक नहीं चार एक्सपर्ट ने अपनी राय और सलाह दी है. आइए जानते हैं आखिर क्या करना चाहिए...

हाई पर पहुंचकर लुढ़के सोना-चांदी
रिकॉर्ड हाई पर पहुंचने के बाद Gold-Silver में ताबड़तोड़ मुनाफावसूली ने इसकी कीमतों पर दबाव डाला है. वहीं दूसरी ओर अमेरिका-चीन के बीच जारी ट्रेड टेंशन कम होने के संकेतों का भी इनकी कीमतों में गिरावट में अहम रोल नजर आ रहा है. ये तेज गिरावट करीब दो महीने की असाधारण तेजी के बाद देखने को मिल रही है. सोना पिछले सोमवार से इस सोमवार तक 1,30,624 रुपये के गिरकर 1,21,043 रुपये पर आ गया. तो वहीं चांदी अपने हाई से करीब 21000 रुपये प्रति किलो तक टूटी है. वहीं अपने लाइफ टाइम हाई से सोना अब तक 11,600 रुपये, जबकि चांदी 27,800 रुपये तक सस्ती हो चुकी है.

न सिर्फ एमसीएक्स पर बल्कि घरेलू मार्केट में इस दौरान सोना 1,27,633 रुपये से कम होकर 1,21,077 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया है, तो वहीं चांदी 1,63,050 रुपये प्रति किलो से कम होकर इस अवधि में अब 1,45,031 रुपये प्रति किलो रह गई है. 

पहले एक्सपर्ट का ये है कहना
गोल्ड-सिल्वर की कीमतों में गिरावट को लेकर एक्सिस सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट (कमोडिटीज) देवेया गगलानी का कहना है कि कॉमेक्स गोल्ड ने पिछले सप्ताह अपनी नौ सप्ताह की बढ़त का सिलसिला तोड़ा, वहीं इस सप्ताह के अंत में साउथ कोरिया में होने वाली Trump-Jinping Meet से पहले मुनाफावसूली के कारण ये 3% से ज्यादा टूट गया.

ट्रेड टेंशन कम होने की उम्मीद का सेफ हेवन माने जाने वाले सोने-चांदी की डिमांड पर असर दिख रहा है, क्योंकि मलेशिया में दो दिनी चर्चा में व्यापार समझौते को लेकर दोनों देशों में प्राथमिक सहमति की खबर भी आई है. दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के राष्ट्रपतियों की मुलाकात के अलावा बाजार का फोकस अमेरिकी फेडरल रिजर्व, यूरोपीय सेंट्रल बैंक और बैंक ऑफ जापान की नीतिगत रेट्स पर फैसले और उम्मीद के मुताबिक कटौती पर है. 

Trump-Jinping Meet

हालांकि, गगलानी ने कहा है कि घरेलू बाजार में सोना 1,17,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर मजबूत समर्थन और 1,24,000 रुपये के स्तर पर प्रतिरोध दिखाई दे रहा है. साफ शब्दों में कहें, तो आने वाले दिनों में सोने की कीमतें सीमित दायरे में ही रहेंगी, तेज़ी से गिरने की संभावना कम ही नजर आ रही है. गगलानी ने निवेशकों और खरीदारों को सलाह देते हुए कहा कि भारतीय निवेशकों के लिए यह जल्दबाजी करने के बजाय देखने और इंतजार करने का समय हो सकता है.

दूसरे एक्सपर्ट का क्या है कहना? 
Gold-Silver के टूटने को लेकर एस्पेक्ट बुलियन एंड रिफाइनरी के सीईओ दर्शन देसाई ने कहा कि संभावित US-China समझौता और मजबूत अमेरिकी डॉलर के बीच सुरक्षित निवेश की डिमांड कमजोर पड़ी है और इसका असर सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट के रूप में दिखा है. उन्होंने कहा कि यह सप्ताह सर्राफा बाजार के लिए महत्वपूर्ण है, जिसमें ट्रंप-जिनपिंग की बैठकें, अमेरिकी फेड की पॉलिसी रेट्स को लेकर घोषणा के अलावा कई बड़ी आईटी कंपनियों की आय रिपोर्ट भी आने वाली हैं.

उनका मानना है कि निवेशकों को उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए.उन्होंने कहा कि अमेरिका-चीन से जुड़ी पॉजिटिव खबरें या डॉलर में और तेजी से सोने में और ज्यादा मुनाफाखोरी हो सकती है. वहीं बुधवार को फेड अगर उम्मीद से कम ब्याज दरों में कटौती का संकेत देता है, तो इससे सोने की कीमतों पर और दबाव पड़ सकता है. चांदी को भी बिकवाली का दबाव झेलना पड़ा.

Gold Silver Price Crash

तीसरे एक्सपर्ट ने बताया क्या होने वाला है? 
मेहता इक्विटीज के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी) राहुल कलंत्री की मानें तो वैश्विक निवेशकों द्वारा सोने और चांदी जैसी सुरक्षित निवेश वाली संपत्तियों से पैसा निकालकर शेयरों जैसी जोखिम भरी संपत्तियों में निवेश करने से चांदी की कीमतों में गिरावट आई. डॉलर के मजबूत होने से विदेशी खरीदारों के लिए कीमती धातुएं और महंगी हो गईं, जिससे डिमांड घटी है. राहुल के मुताबिक, अगर वैश्विक संकेत शांत रहे और डॉलर में और मजबूती आई, तो धातुओं को ऊपर चढ़ने के लिए और अधिक प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है.

चौथे एक्सपर्ट की ये है सलाह
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन की उपाध्यक्ष और एस्पेक्ट ग्लोबल वेंचर्स की कार्यकारी अध्यक्ष अक्षा कंबोज के अनुसार, सोने-चांदी में यह गिरावट एक अच्छा सुधार है.आखिरकार दो महीनों में पहली बार दोनों कीमती धातुओं में साप्ताहिक गिरावट दर्ज की गई.US-China के अलावा ईटीएफ निकासी, जरूरत से ज्यादा खरीदारी के बाद निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली इसके बड़े कारण हैं. उन्होंने कहा कि ये गिरावट सीमित रह सकती है. कंबोज के मुताबिक, आने वाला हफ्ता निर्णायक होगा. ऐसे में खरीदारी से पहले ट्रंप-जिनपिंग की बैठक के नतीजों पर नजर रखना जरूरी है.  

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