आपको सैकड़ों बीमारियों से बचा सकते हैं ये पत्ते, जानें इस्तेमाल करने का सही तरीका

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हम आपको 4 ऐसे पौधों के बारे में बताने जा रहे हैं जो हमारे आसपास काफी आसनी से मिल जाते हैं और इन्हें अपने खानपान में शामिल करने से आपको काफी फायदा मिलता है. आइए जानते हैं इन पौधों और इन्हें इस्तेमाल करने के तरीकों के बारे में-

1. कड़ी पत्ते (Curry Leaves) -

फायदे- बालों के लिए सबसे अच्छे सप्लीमेंट में से एक हैं. बालों के झड़ने, समय से पहले सफेद होने से रोकने, घने एवं मजबूत बाल पाने में सहायता करता है. इसके अलावा वजन कम करना, कोलेस्ट्रॉल व ट्राइग्लिसराइड्स नॉर्मल करना, ब्रेन पावर बढ़ाना और कैंसर सेल्स को खत्म करने जैसे फायदे भी हैं.

उपयोग- कड़ी पत्ते को आटे में गूंथकर पराठे बना सकते हैं, चावल में डाल सकते हैं या चटनी बना कर खा सकते हैं. यह एक स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर ऑप्शन है.

रोपण- यह पौधा बहुत आसानी से उगता है, कई जगह इसकी कटिंग से खुद-ब-खुद पौधे निकल आते हैं. घर के पास कहीं भी हो तो उसका छोटा पौधा घर पर लगा सकते हैं.

2. तुलसी (Tulsi) -

फायदे- भारत में तुलसी को ‘हर्ब ऑफ ऑल रीजन’ माना गया है. यह इम्युनिटी बढ़ाती है, सर्दी-खांसी का काढ़ा बनती है. खासतौर पर डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के लिए लाभकारी है. डायबिटीज में तुलसी बीटा सेल्स और इंसुलिन रेजिस्टेंस में सुधार करता है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है. ब्लड प्रेशर में भी तुलसी के पत्तों का एक्सट्रैक्ट लाभकारी पाया गया है.

उपयोग- तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर सुबह खाली पेट पी सकते हैं या दो-तीन पत्ते पानी के साथ खाएं. पानी में तुलसी के पत्ते डालकर पीना भी अच्छा विकल्प है.

रोपण- तुलसी आसानी से बढ़ता है, पक्षी इसके बीज बिखेरते हैं जिससे पौधे अपने आप उग जाते हैं. तुलसी को आयुर्वेद में अत्यंत सात्विक और सकारात्मक माना गया है.

3. मोरिंगा (Moringa) -

फायदे- मोरिंगा जिसमें "ड्रमस्टिक" पेड़ भी शामिल है, सुपरफूड कहलाता है क्योंकि इसमें आयरन, पोटैशियम, विटामिन A, B, C, कैल्शियम, प्रोटीन आदि पोषक तत्व किसी भी प्राकृतिक खाद्य पदार्थ से कई गुना ज्यादा होते हैं. - खासकर विटामिन B12 की कमी में मोरिंगा उपयोगी माना गया है. मोरिंगा खाने से विटामिन B12 के लेवल में सुधार होता है.

उपयोग- मोरिंगा की टहनियां दाल, सब्जी या चावल में डाल कर खा सकते हैं. इसके पत्तों का पाउडर भी बाजार में उपलब्ध है, लेकिन ताजा पत्ते बेहतर होते हैं.

रोपण- मोरिंगा बड़ा तेज़ी से बढ़ता है, बड़े गमले में लगाएं या अगर जमीन हो तो सीधे वहां लगाएं. इसे ‘सुहाज’ भी कहा जाता है.

4. पारिजात (Parijat या Harshringar) -

फायदे- शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द, आर्थराइटिस, या घुटनों के दर्द में उपयोगी. बुखार में नेचुरल पैरासिटामोल की तरह काम करता है. यह मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू में भी फायदेमंद है. फेफड़ों की बीमारियों जैसे अस्थमा में सांस लेने में राहत देता है. स्किन डिजीज में भी इसका काढ़ा एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल के रूप में उपयोगी है.

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