ईरान में पिछले कुछ हफ्तों में दो वरिष्ठ अधिकारियों की मौत ने सवालों का पहाड़ खड़ा कर दिया है. हाल ही में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के डिप्टी कमांडर घोलमहोसैन गेयब्परवर की मौत की खबर आई है, जिसे केमिकल इंजरी से जोड़ा जा रहा है.
इससे पहले एक हफ्ते पहले सुप्रीम लीडर अली खमैनी के वरिष्ठ सहायक की भी रहस्यमयी मौत हुई थी. ईरान अभी 12 दिन के इजरायल युद्ध से उबर भी नहीं पाया. ये घटनाएं और संदेह पैदा कर रही हैं.
घोलमहोसैन गेयब्परवर की मौत
घोलमहोसैन गेयब्परवर की मौत को केमिकल इंजरी से जोड़ा गया है. वो IRGC के इमाम अली बेस के डिप्टी कमांडर थे. उन्हें ईरान-इराक युद्ध (1980-1988) में वो केमिकल इंजरी हुई थी. लेकिन हैरानी की बात यह है कि पहले कभी उनकी इस बीमारी का जिक्र नहीं हुआ.
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पिछले महीने कजविन शहर में उन्हें स्वस्थ देखा गया था, हालांकि वे मास्क पहने हुए थे. उनकी मौत से लोग हैरान हैं, क्योंकि यह अचानक हुई. गेयब्परवर, जिन्हें 'शहराम' के नाम से जाना जाता था. उन्होंने IRGC में बड़ी भूमिका निभाई थी. खासकर 2016-2019 तक बसिज मिलिशिया के प्रमुख रहते हुए.
अली ताएब का रहस्य
इससे पहले, सुप्रीम लीडर के पूर्व प्रतिनिधि अली ताएब की मौत की खबर आई थी, जो थरल्लाह मुख्यालय से जुड़े थे. IRGC ने उनकी मौत की घोषणा की, लेकिन कारण नहीं बताया. राज्य मीडिया ने इसे प्राकृतिक कारण बताया, लेकिन यह घटना पश्चिमी तेहरान में एक ऊंची इमारत में गैस विस्फोट के चंद घंटे बाद हुई.
ताएब का परिवार ईरानी शासन में शक्तिशाली है. उनके भाई हुसैन ताब, जो 2022 तक IRGC की खुफिया एजेंसी के प्रमुख थे, मोजताबा खमैली (सुप्रीम लीडर के बेटे) के करीबी और क्रूरता के लिए जाने जाते थे.
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रहस्य और संदेह
अली ताएब और गेयब्परवर दोनों ईरान-इराक युद्ध में लड़े थे. शासन तंत्र में अहम थे. लेकिन इन मौतों को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. क्या यह IRGC के अंदर सत्ता की लड़ाई है? या इजरायल का हाथ है, जो हाल के युद्ध में थरल्लाह मुख्यालय जैसे लक्ष्यों पर हमला कर चुका है?
कुछ का मानना है कि तेहरान में गैस विस्फोट और इन मौतों का संबंध हो सकता है, क्योंकि ये इमारतें वरिष्ठ अधिकारियों के निवास के रूप में चिह्नित हैं.
ईरान में लगातार विस्फोट
युद्ध खत्म होने के बाद से ईरान में कई जगहों पर विस्फोट हुए हैं, लेकिन सरकार इसे सुरक्षा घटना नहीं मान रही. हाल के दिनों में शिराज, तेहरान, कजविन जैसे शहरों में रहस्यमयी विस्फोटों की खबरें आई हैं.
इनके पीछे इजरायल का हाथ होने की बात कही जा रही है, क्योंकि युद्ध के बाद से तनाव बना हुआ है. लेकिन सरकार इसे संयोग बता रही हैं, जो और संदेह बढ़ा रहा है.
सच क्या है?
इन मौतों को रासायनिक चोटों या प्राकृतिक कारणों से जोड़ना मुश्किल लगता है, क्योंकि दोनों ही अधिकारियों की हालत पहले ठीक थी. इजरायल के हमलों और IRGC के अंदर सत्ता संघर्ष की खबरें इस रहस्य को गहरा रही हैं.
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कुछ लोग सोशल मीडिया पर गैस विस्फोट और निशाना लगाने की साजिश की बात कर रहे हैं, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं है. युद्ध के बाद ईरान की अंदरूनी अस्थिरता भी इन घटनाओं को जटिल बना रही है.
सवालों का पहाड़
गेयब्परवर और ताएब की मौतें ईरान के लिए सवालों का पहाड़ खड़ी कर रही हैं. क्या यह पुरानी चोटों का असर है, या इजरायल के हमले और सत्ता की लड़ाई का नतीजा? लगातार विस्फोट और रहस्यमयी घटनाएं ईरान की स्थिति को और पेचीदा बना रही हैं. सच सामने आने में समय लगेगा, लेकिन इन मौतों ने न सिर्फ IRGC को हिलाया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय नजरें भी ईरान पर टिक गई हैं.
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