जस्टिस एम एम सुंदरेश और जस्टिस एम कोटिश्वर सिंह की पीठ ने क्यूआर कोड और पहचान को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दोनों राज्यों की सरकारों को नोटिस जारी किया है. इस मामले में दायर याचिकाओं में कहा गया है कि विक्रेताओं को अपनी पहचान उजागर करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है.
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सुप्रीम कोर्ट (Photo: Reuters)
कांवड़ यात्रा मार्ग पर बनी दुकानों में QR कोड लगाने और दुकान मालिकों की पहचान उजागर करने के मामले पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले पर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
जस्टिस एम एम सुंदरेश और जस्टिस एम कोटिश्वर सिंह की पीठ ने क्यूआर कोड और पहचान को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दोनों राज्यों की सरकारों को नोटिस जारी किया है. इस मामले में दायर याचिकाओं में कहा गया है कि विक्रेताओं को अपनी पहचान उजागर करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है.
उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा तो याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि तब तक कांवड़ यात्रा समाप्त हो जाएगी और याचिका निष्प्रभावी हो जाएगी.
एक पक्षकार ने कहा कि हिंदू धर्म के अन्य सदस्य भी हैं, जो अब नाम खोज रहे हैं. वे कांवड़िये भी नहीं हैं इसलिए स्थिति गंभीर है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले की सुनवाई मंगलवार को करेंगे. सभी हस्तक्षेप याचिकाओं में उठाए गए मुद्दों पर यूपी सरकार को नोटिस जारी किया गया. सरकार को अगली तारीख 22 जुलाई तक जवाब दाखिल करना है.
दरअसल कांवड़ यात्रा मार्गों पर रेस्तरों और अन्य खाने-पीने की दुकानों और ढाबों पर मालिक के नाम एवं धर्म के विवरण वाला क्यूआर कोड साइन बोर्ड पर लगाना अनिवार्य करने के आदेश को चुनौती दी गई है. अब सुनवाई आगामी मंगलवार 22 जुलाई को होगी.
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