राजधानी दिल्ली के कालकाजी मंदिर में शुक्रवार रात हुए सेवादार हत्याकांड ने पूरे इलाके को दहला दिया है. इस मामले में पुलिस ने अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. शनिवार को पुलिस ने दो और आरोपियों को दबोचने में सफलता हासिल की. गिरफ्तार आरोपियों में अतुल पांडे, मोहन उर्फ भूरा और कुलदीप बिधूड़ी शामिल हैं.
जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार रात 9 से 9.30 बजे के बीच मंदिर परिसर में दर्शन के लिए आए कुछ श्रद्धालुओं और सेवादार के बीच विवाद हो गया था. आरोप है कि चुन्नी और प्रसाद न मिलने पर आरोपी भड़क गए और मंदिर में तैनात 35 वर्षीय सेवादार योगेंद्र सिंह पर हमला कर दिया. उन्होंने लाठियों और घूंसों से बेरहमी से पिटाई की, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए.
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घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायल योगेंद्र को एम्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया. हालांकि, इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. मृतक योगेंद्र मूल रूप से फत्तेपुर, हरदोई (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले थे और पिछले 14–15 वर्षों से कालकाजी मंदिर में सेवा कर रहे थे.
पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपियों का नाम अतुल पांडे (दक्षिणपुरी निवासी, मूल निवासी गोरखपुर), मोहन उर्फ भूरा (19 वर्ष, तुगलकाबाद निवासी) और कुलदीप बिधूड़ी (20 वर्ष, तुगलकाबाद निवासी) है. तीनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. पुलिस ने बताया कि कालकाजी थाने में हत्या की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है और अन्य तथ्य भी खंगाले जा रहे हैं.
केजरीवाल ने BJP सरकार को घेरा
इस घटना ने राजनीतिक रंग भी पकड़ लिया है. पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक एक्स पोस्ट में कहा, "कालकाजी मंदिर के अंदर सेवादार की निर्मम हत्या करने से पहले इन बदमाशों के हाथ नहीं कांपे? ये कानून व्यवस्था की विफलता नहीं तो और क्या है? भाजपा के चारों इंजनों ने दिल्ली का ये हाल कर दिया है कि अब मंदिरों में भी ऐसी वारदातें हो रही हैं. क्या दिल्ली में कोई सुरक्षित है भी या नहीं?" फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है और वारदात की पुख्ता वजह जानने की कोशिश कर रही है.
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