केदारनाथ से रामेश्वरम तक, एक ही सीध में बने हैं भगवान शिव के ये 7 मंदिर

1 day ago 1

उत्तराखंड के केदारनाथ ज्योतिर्लिंग से लेकर दक्षिण भारत के रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग तक एक अद्भुत आध्यात्मिक संबंध देखा गया है. इन दोनों पवित्र स्थलों के बीच की दूरी लगभग 2,382 किलोमीटर है और विशेष बात यह है कि ये दोनों लगभग 79 डिग्री देशांतर रेखा पर स्थित हैं. इस रेखा को ‘शिव शक्ति रेखा’ कहा जाता है. इसी रेखा पर भारत के सात प्रमुख शिव मंदिर स्थित हैं, जो केवल भौगोलिक रूप से ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी विशेष महत्व रखते हैं.

इन मंदिरों में सृष्टि के पंचतत्व- जल, वायु, अग्नि, पृथ्वी और आकाश को दर्शाने वाले पांच प्रसिद्ध शिव मंदिर भी शामिल हैं. माना जाता है कि श्रीकालाहस्ती शिव मंदिर जल, एकाम्बेश्वरनाथ मंदिर अग्नि, अरुणाचलेश्वर मंदिर वायु, जम्बूकेश्वर मंदिर पृथ्वी और थिल्लई नटराज मंदिर आकाश का प्रतिनिधित्व करते हैं. इन पंचभूत मंदिरों के साथ-साथ केदारनाथ और रामेश्वरम जैसे पवित्र ज्योतिर्लिंग इस सीधी रेखा में स्थित हैं, जो इसे और भी रहस्यमय व दिव्य बनाता है.

शिव शक्ति रेखा पर स्थापित सात शिव मंदिर

1. केदारनाथ धाम: शिव-शक्ति रेखा में पहला शिव मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले का केदारनाथ मंदिर है. केदारनाथ देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. यह मंदिर 79.0669 डिग्री लॉन्गिट्यूड पर स्थित है. केदारनाथ धाम को अर्द्धज्योतिर्लिंग कहा जाता है. 

2. कालाहस्ती मंदिर: कालाहस्ती मंदिर, जो आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है. यह एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है. यह मंदिर विशेष रूप से अपनी “सर्वप्रसिद्ध” और “साक्षात शिवलिंग” के लिए जाना जाता है. यह मंदिर वायु तत्व का प्रतिनिधित्व करता है. श्रीकालाहस्ती मंदिर से तिरुपति लगभग 30-40 किलोमीटर दूर है, जो विश्व प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर मंदिर के लिए प्रसिद्ध है.

3. एकाम्बेश्वरनाथ मंदिर: एकाम्बेश्वरनाथ मंदिर कांची, तमिलनाडु में स्थित एक प्रमुख हिंदू मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है. मंदिर कांचीपुरी शहर में स्थित है. इसे “एकाम्बेश्वर मंदिर” या “एकाम्बेश्वरनाथ मंदिर” के नाम से भी जाना जाता है. इसमें शिवजी को धरती तत्व के रूप में पूजा जाता है.

4. अरुणाचलेश्वर मंदिर: अरुणाचलेश्वर मंदिर तिरुवन्नामलाई, तमिलनाडु में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है. यह मंदिर अरुणाचल पर्वत के तल पर स्थित है, जिसे “अरुणाचल” या “भगवान शिव का पर्वत” भी कहा जाता है. यह स्थान विशेष रूप से अग्नि लिंगा के रूप में पूजा जाता है.

5. थिल्लई नटराज मंदिर चिदंबरम: थिल्लई नटराज मंदिर चिदंबरम, तमिलनाडु में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है. यहां भगवान शिव के नृत्य रूप के रूप में पूजा जाता है. यह मंदिर लगभग 2,000 वर्षों पुराना माना जाता है. मंदिर में भगवान शिव के 108 नृत्य मुद्राओं को दर्शाने वाली एक चित्रकला और मूर्तिकला है.

6. जम्बुकेश्वर मंदिर: यह मंदिर तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में स्‍थापित है. यह मंदिर करीब 1800 साल पुराना है. यह मंदिर जल तत्व का प्रतिनिधित्व करता है. 

7. रामेश्वरम मंदिर रामलिंगम: रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु राज्य में स्थित एक प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थल है.  यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. 

---- समाप्त ----

Read Entire Article