बांदा में भारी बारिश से केन नदी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है, जिससे कई गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है और सड़क संपर्क टूट गया है. प्रशासन ने राहत कार्य शुरू करते हुए नावों की व्यवस्था की है. यमुना नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है. ADM ने स्थिति को देखते हुए निगरानी तेज कर दी है.
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नदियां उफान पर हैं. (Photo: Screengrab)
उत्तर प्रदेश के बांदा में बीते कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश और मध्य प्रदेश के पहाड़ों पर लगातार बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं. जिले की प्रमुख नदियां केन और यमुना अब तबाही मचाने लगी हैं. खासतौर पर केन नदी ने खतरे का निशान पार कर लिया है और कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है.
दरअसल, केन नदी का खतरे का निशान 104 मीटर है, जबकि फिलहाल यह 104.97 मीटर पर बह रही है. वहीं यमुना नदी अभी खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन उसमें पानी तेजी से बढ़ रहा है. इससे निचले इलाकों में खतरा मंडरा रहा है. बांदा में सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र पैलानी और सदर तहसील हैं। शंकर पुरवा, कनवारा, खप्टिहा कला, अमारा, डेरा जैसे गांवों में बाढ़ का असर दिखाई दे रहा है.
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कई जगह रपटों (सड़क मार्गों) में पानी भर जाने से गांवों का सड़क संपर्क टूट गया है. हालात को देखते हुए प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में नावों की व्यवस्था की है, ताकि लोगों को जरूरी सुविधाएं मिल सकें और आपात स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके.
मामले में ADM ने कही ये बात
ADM (वित्त एवं राजस्व) राजेश कुमार ने बताया कि केन नदी में पानी का स्तर और बढ़ सकता है और यह 106 मीटर तक पहुंचने की संभावना है. अभी तक कोई गांव पूरी तरह डूबा नहीं है, लेकिन कई रास्ते पानी में डूब चुके हैं. प्रशासनिक टीम पूरी तरह सतर्क है और राहत कार्यों में जुटी हुई है. प्रभावित गांवों में लोगों को अलर्ट किया जा रहा है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन की टीमें पूरी तरह एक्टिव हैं.
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