प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. बाढ़ का पानी संगम के लेटे हनुमान मंदिर की दीवार तक पहुंच चुका है और संगम के रास्ते डूब चुके हैं. तीर्थ पुरोहित, दुकानदार और स्थानीय लोग अपने सामान को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटे हैं. प्रशासन ने एसडीआरएफ और जल पुलिस को तैनात कर निगरानी बढ़ा दी है.
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प्रयागराज में बाढ़ का कहर (Photo: Screengrab)
यूपी के संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा और अधिक गहरा गया है. बीते 24 घंटे में गंगा के फाफामऊ घाट पर जलस्तर 09 सेंटीमीटर और छतनाग में 59 सेंटीमीटर बढ़ा है. यमुना नदी भी नैनी में 27 सेंटीमीटर ऊपर चढ़ी है. बाढ़ का पानी अब लेटे हनुमान मंदिर की दीवार तक पहुंच गया है, जो खतरे की गंभीर घंटी है.
बाढ़ के चलते संगम जाने वाले प्रमुख रास्तों पर पानी भर गया है, जिससे श्रद्धालु और स्थानीय दुकानदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कुंभ के दौरान बनाया गया कॉरिडोर भी पानी में डूबने की कगार पर हैं. संगम क्षेत्र के कई स्नान घाट जलमग्न हो गए हैं, जिसके कारण श्रद्धालु सड़कों पर ही स्नान करने को मजबूर हैं.
तीर्थ पुरोहित, दुकानदार और अन्य स्थानीय लोग अपने सामान को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटे हैं. कई लोग झोपड़ियों से अपना सामान निकालते हुए बाढ़ के पानी से बचने का प्रयास कर रहे हैं. स्थानीय प्रशासन की ओर से जल पुलिस और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात कर दिया गया है. साथ ही जिले में 88 बाढ़ चौकियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है.
सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम से गंगा और यमुना के जलस्तर की 24 घंटे मॉनीटरिंग की जा रही है. हालांकि फिलहाल दोनों नदियां खतरे के निशान से लगभग 5 मीटर नीचे बह रही हैं, लेकिन जिस तरह से बारिश और पहाड़ों से पानी आ रहा है, उसे देखते हुए आने वाले दिनों में स्थितियां और बिगड़ सकती हैं.
स्थानीय युवक मनोज कुशवाहा, पुरोहित राजेश पाठक और निवासी अभिषेक गौतम ने बताया कि हर साल ऐसी स्थिति बनती है, लेकिन इस बार जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. प्रशासन को जल्द से जल्द राहत कार्य शुरू करने चाहिए.
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