सावन का पहला सोमवार कल: UP, उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक कांवड़ियों के लिए सख्त सुरक्षा व्यवस्था, शिव मंदिरों में खास इंतजाम

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सावन महीने का पहला सोमवार आज है, जिसे लेकर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली में प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की तैयारियां कर ली हैं. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और कांवड़ यात्रा को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सभी संवेदनशील इलाकों में चौकसी बढ़ा दी है.

उत्तराखंड में हरिद्वार, ऋषिकेश और कांवड़ मार्गों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. ड्रोन से निगरानी, सीसीटीवी की मदद और यातायात नियंत्रण के लिए रूट डायवर्जन लागू किया गया है. उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुज़फ्फरनगर, बागपत, और गाज़ियाबाद समेत पश्चिमी जिलों में विशेष चौकसी बरती जा रही है. दिल्ली में प्रमुख शिव मंदिरों जैसे कि कालकाजी, प्राचीन कात्यायनी मंदिर, गौरी शंकर मंदिर, और झंडेवाला मंदिर में विशेष व्यवस्था की गई है. 

सावन का पहला सोमवार होने के कारण लाखों श्रद्धालु भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करेंगे और मंदिरों में जलाभिषेक के लिए उमड़ेंगे. प्रशासन का लक्ष्य है कि श्रद्धालुओं की आस्था के साथ-साथ उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाए.

शिव मंदिरों में विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं. मंदिरों के प्रवेश द्वारों पर बैरियर लगाकर भीड़ नियंत्रण किया जा रहा है. मंदिरों के अंदर भोजन और जल की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. सभी श्रद्धालु से आग्रह किया गया है कि वे नियम-कायदों का पालन करें और ऐतिहासिक अनुष्ठान को शांतिपूर्ण एवं श्रद्धापूर्ण तरीके से मनाएं.

Kanwar Yatra

सुरक्षाकर्मियों ने कांवड़ मार्ग पर फ्लैग मार्च निकाला (Photo:PTI)

कांवड़ियों के लिए गाजियाबाद पुलिस की खास व्यवस्था

यूपी की गाजियाबाद पुलिस ने कांवड़ यात्रियों के लिए ख़ास व्यवस्था की है. कांवड़ खंडित हो जाने पर कांवड़िएं बवाल ना करे और उन्हे गंगाजल वापस मिल जाए इसके लिए गाजियाबाद पुलिस ने खंडित कांवड़ियों के लिए थाने में ही गंगाजल की व्यवस्था करा दी है. गाजियाबाद पुलिस हरिद्वार से 1400 लीटर गंगाजल लेकर आई है. गंगाजल के ये 20-20 लीटर वाले कम से 4 से 5 जेरिकेन हर थाने में रखवाए गए हैं. इसके अलावा कांवड़ का भी इंतजाम किया गया है.

कांवड़ खंडित होने का मतलब क्या है?

कांवड़ यात्रा के दौरान अगर गंगाजल लाते वक्त किसी भी कांवड़िए का गंगाजल गिर जाए. कांवड़ को कोई नुकसान पहुंच जाए. खाने में कोई मिलावट या अशुद्ध खाना खा लेना. इन सब वजहों को कांवड़ा का खंडित होना माना जाता है. ऐसे में किसी का कांवड़ खंडित ना हो इसका भी पुलिस पूरा ध्यान रख रही है. यही वजह है कि ऐसे कांवड़ियों के लिए गाजियाबाद पुलिस थानों में गंगाजल और एक्स्ट्रा कांवड़ की व्यवस्था की गई है.

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पुलिस वालों की ड्यूटी कांवड़ यात्रा के दौरान सबसे मुश्किल होती है. कावड़ियों के रुट को देखना, टैफिक देखना, रुट डायवर्ट करना, गुजरने वाले सभी कांवड़ियों की सुरक्षा देखना, कांवड़ियों के भेष में हुड़दंगियों की पहचान करना यानि सारी व्यवस्था सुनिश्चित करना. 

लेकिन इस ड्यूटी के अलावा वो एक और ड्यूटी करते हैं. नंगे पैर महादेव के भक्त अपने अपने घर से पूरी आस्था और भक्ति भाव के साथ निकले हैं. रास्ते में अलग अलग बाधाएं उन्हें मिलेंगी. लेकिन  पुलिस वाले उनकी धार्मिक भावनाओं का भी पूरा ध्यान रख रहे हैं. किसी भी कांवडिए की धार्मिक भावनाएं आहत नहीं होनी चाहिए. कांवड़ रुट पर ड्यूटी कर रहे पुलिसवालों को इस बात का ध्यान रखने का बाकायदा निर्देश दिया गया है. 

गाजियाबाद कांवड़ के लिहाज से बेहद जरूरी और संवेदनशील है. वजह यहां से बड़ी संख्या में कांवड़ियों का जत्था गुजरता है. यहां इन कांवड़ियों का 85 किलोमीटर से ज्यादा का रूट है. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे से भी कांवड़िए गुजरते हैं जिसे बेहतर करना भी इन्हीं की जिम्मेदारी है. और ये काम इतना भी आसान नहीं है. इसके अलावा कांवड़ियो के खाने पीने और मेडिकल सुविधा की भी तैयारी पूरी है.

यानि इस बार कांवड़ यात्रा पुलिस सिर्फ रक्षक नहीं बल्कि दोस्त की भूमिका में नजर आने वाली है. यात्रा की शुरुआत में ही इसकी झलकियां तो दिख गई. अब सावन खत्म होते होते इसकी ना जाने कितनी और कहानियां सामने आएंगी.

हरिद्वार में कांवड़ यात्रा को लेकर खास इंतजाम

देश के कोने कोने से कांवड़ लेकर चले भोले के भक्तों की मंजिल एक ही है - हरिद्वार. यही है इस कांवड़ यात्रा का आखिरी पड़ाव. और जब देश भर से चलकर सारे श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं तो आस्था की इस नगरी की तैयारी भी भव्य हुई है. सुरक्षा के लिहाज से कोई कमी नहीं रखी गई है. ऐसे में यहां का जिला प्रशासन और पुलिस भी इस धार्मिक यात्रा को सुचारु चलाने के लिये पूरी तरह तैयार है. 

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हरिद्वार में पूरे कांवड़ मेला क्षेत्र को 16 सुपर जोन में बांटा गया है. मेला सुरक्षित और व्यवस्थित रहे इसके लिये 38 जोन और 134 सेक्टर्स बनाए गये हैं. पूरे मेला क्षेत्र को 347 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरा और 8 ड्रोन से मॉनिटर किया जाएगा. कांवड़ मेले की संवेदनशीलता को देखते हुए 2 एटीएस टीम भी तैनात होगी जरूरी पुलिस फोर्स के साथ 8 कंपनी CPAF और 9 कंपनी PAC लगाई जाएंगी. इसके साथ ही 1500 सिविल पुलिस फोर्स भी मेला क्षेत्र में तैनात रहेगी. इन व्यवस्थाओं के अलावा कांवड़ियों के लिये पानी, टॉयलेट, स्ट्रीट लाइटिंग की सुविधा दी जाएगी.

यूपी में कांवड़ यात्रा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद

उत्तर प्रदेश में तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही कांवड़ यात्रा पर नजर बनाए हुए हैं. मेरठ रेंज के 4 जिलों में 15 हजार पुलिसकर्मी ड्यूटी पर लगाए गए हैं. मेरठ, बुलंदशहर, बागपत और हापुड़ में 57 जोन और 155 सेक्टर बनाकर सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है. मेरठ रेंज में कांवड़ यात्रा की सुरक्षा में 5000 कैमरों से नजर रखी जा रही है. गाजियाबाद में करीब 3500 पुलिसकर्मी तैनात किए जा रहे हैं, 1500 सीसीटीवी कैमरों से रीयल टाइम निगरानी की जाएगी. गाजियाबाद के सभी प्रमुख कांवड़ रूट पर 700 ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात किए जा रहे हैं. 

भव्य कांवड़ यात्रा में देशभर से लोग बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. यूपी में ही इस बार 5 करोड़ से भी ज्यादा श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल हो सकते हैं. पिछले 3 सालों में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु कांवड़ लेकर भोले की नगरी पहुंचे थे. 

साल 2022 में करीब 3.8 करोड़ कांवड़ियों ने यात्रा में हिस्सा लिया था. वहीं साल 2023 में 3 करोड़ कांवड़िये शामिल हुए थे और साल 2024 में करीब 4 करोड़ 80 लाख कांवड़ियों ने कांवड़ यात्रा की थी. वहीं इस साल योगी सरकार 5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं को शामिल होने का अनुमान लगा रही है. 

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लिहाजा कांवड़ियों के लिए यात्रा मार्ग पर पूरे इंतजाम किये गये हैं. यूपी में कांवड़ियों की सुरक्षा से लेकर उनके खाने बैठने और विश्राम को लेकर बैठकों का दौर जारी है. कांवड़ यात्रा मार्ग पर कुल 838 विश्राम कैंप तैयार किये गयें इनमें मेरठ में 464, बुलंदशहर में 176, बागपत में 90 और हापुड़ 108 कैंप की व्यवस्था की गई है. जिसमें मेरठ रेंज में 15 हजार पुलिसकर्मी तैनात हैं.

इस बार की कांवड़ यात्रा सफल हो इसके लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है. सारी व्यवस्था पूरी कर ली गई है. सभी रुट्स को स्कैन कर लिया गया है.

मेरठ जिला प्रशासन ने कांवड़ मार्ग पर होटलों, ढाबों और रेस्टोरेंट में मांस, मछली और अंडे पकाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. 

सावन के पहले सोमवार का महत्व क्या है?

सावन का महीना हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र माना जाता है. ये महीना भगवान शिव को समर्पित होता है. खासकर सावन का पहला सोमवार बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. इस दिन करोड़ों लोग भगवान शिव की पूजा करते हैं.

इस दिन को "सावन सोमवार" कहा जाता है. लोग मानते हैं कि इस दिन व्रत रखने और सच्चे मन से शिव जी की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है.

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भक्त इस दिन सुबह-सुबह उठकर नहाते हैं और मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाते हैं। बहुत से लोग पूरे दिन व्रत रखते हैं और "ॐ नमः शिवाय" का जाप करते हैं.

मंदिरों में भजन-कीर्तन और रुद्राभिषेक जैसे खास कार्यक्रम होते हैं. भक्त पूरी श्रद्धा से पूजा करते हैं और भगवान शिव से आशीर्वाद मांगते हैं.

ये दिन सिर्फ पूजा का नहीं, बल्कि खुद को सुधारने और अच्छे कामों की शुरुआत करने का भी समय होता है. इस दिन लोग नये संकल्प लेते हैं और अपने जीवन को बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं.

इस तरह, सावन का पहला सोमवार भगवान शिव की भक्ति का खास दिन होता है जो लोगों को आस्था, शांति और उम्मीद से भर देता है.
 

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