एक बार फिर से दुनिया में ट्रंप टैरिफ की गूंज सुनाई देने लगी है. 90 दिन की राहत के बाद अब तमाम देशों को टैरिफ से राहत के लिए तय की गई डेडलाइन खत्म होने जा रही है और इसकी लास्ट डेट 9 जुलाई 2025 है. इससे पहले ही ट्रंप की ओर से करीब 12 देशों के लिए ट्रेड लेटर साइन किए गए हैं, जिनमें लिख दिया गया है कि उनपर कितना टैरिफ लगने वाला है और रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये आज सोमवार को इन देशों को भेजे जाएंगे.
इसका असर भी एशियाई बाजारों में गिरावट के रूप में सप्ताह के पहले कारोबारी दिन दिखने लगा है और जापान के निक्केई से लेकर हांगकांग के हैंगसेंग इंडेक्स तक लाल निशान में ट्रेड कर रहे हैं. दूसरी ओर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भी बेचैन नजर आ रहे हैं, जहां जून में भारतीय बाजारों में FPI की ओर से ताबड़तोड़ पैसे लगाए गए थे, तो वहीं जुलाई के पहले ही हफ्ते में तगड़ी निकासी की गई है.
विदेशी निवेशकों में अचानक बढ़ गई बेचैनी
ट्रंप टैरिफ को लेकर फिर से मची हलचल का अंदाजा विदेशी निवेशकों की बेचैनी को देखकर भी लगाया जा सकता है. पीटीआई के मुताबिक, FPI ने जहां बीते जून महीने में Indian Stock Market में ताबड़तोड़ निवेश करते हुए 14,590 करोड़ रुपये डाले थे, तो वहीं जुलाई के शुरुआती हफ्ते में ही बीते तीन महीनों से जारी निवेश पर ब्रेक लगा हुआ नजर आया. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक जुलाई में नेट सेलर बने और महज पांच दिन के कारोबार के दौरान ही 1,421 करोड़ रुपये की बिकवाली कर डाली.
रिपोर्ट में एक्सपर्ट्स के हवाले से कहा गया है कि इसके पीछे तमाम कारणों में से एक Trump Tariff की डेडलाइन और इसे लेकर असमंजस की स्थिति है. एंजेल वन के सीनियर फंडामेंटल एनालिस्ट वकारजावेद खान ने कहा है कि निकट भविष्य में टैरिफ की समयसीमा के घटनाक्रम और अमेरिकी डेटा में अस्थिरता के चलते एफपीआई प्रवाह में बदलाव आने की उम्मीद है.
एशियाई बाजार में दिखने लगी सुस्ती
अभी ट्रंप ने अपनी लिस्ट में शामिल देशों पर टैरिफ को लेकर ऐलान भी नहीं दिया है और सिर्फ संकेत ही दिए हैं, जबकि इसका असर दुनियाभर के शेयर बाजारों पर दिखने लगा है. सोमवार को शुरुआती कारोबार में ही ज्यादातर एशियाई बाजार गिरावट के साथ लाल निशान पर कारोबार करते हुए नजर आ रहे हैं. एक ओर जापान का निक्केई इंडेक्स (Japan Nikkei) 182.47 अंक की गिरावट लेकर 39,628.41 पर ट्रेड कर रहा था, तो वहीं हांगकांग का हैंगसेंग (Hang Seng) 143.68 अंक फिसलकर 23,777.36 पर कारोबार कर रहा था. इसके अलावा साउथ कोरिया का KOSPI और Gift Nity भी शुरुआत की मामूली तेजी से फिसलकर रेड जोन में कारोबार करता दिखा.
Trump टैरिफ पर रोक की खत्म हो रही डेडलाइन
कल से शुरू होने वाले सप्ताह में शेयर बाजार की चाल पर सबसे बड़ा असर अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रेसिप्रोकल टैरिफ डाल सकता है. दरअसल, बीते 2 अप्रैल को भारत को 26% टैरिफ की कैटेगरी में शामिल किया गया था, हालांकि कुछ दिन बाद ही US President ने भारत समेत कई देशों पर लागू टैरिफ पर 90 दिनों के लिए रोक लगा दी थी और अब इसकी डेडलाइन करीब है. जी हां, 9 जुलाई को Trump Tariff Deadline खत्म होने जा रही है और इस बीच India-US Trade Deal पर बनने वाली किसी भी सहमति या असहमति का सीधा असर बाजार में उतार-चढ़ाव ला सकता है.
इस अल्टीमेटम के साथ भेजे जाएंगे लेटर
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लिस्ट में शामिल किए गए इन दर्जनभर देशों को 'स्वीकार करें या छोड़ दें '(Take It Or Leave It) अल्टीमेटम के साथ ये लेटर भेजे जाएंगे. हालांकि, अभी तक इसमें शामिल देशों के नाम पर खुलासा नहीं हो सका, लेकिन नाम ओपन होने पर इनके शेयर बाजारों में असर देखने को मिल सकता है. इसके अलावा ट्रंप की ओर से 1 अगस्त से 100 से ज्यादा देशों पर 10 फीसदी का बेसलाइन टैरिफ लगाने का भी ऐलान किया गया है.
भारत को लेकर US के पाले में गेंद
भारत को अमेरिका की ओर से 26 फीसदी की टैरिफ कैटेगरी में रखा गया था और इसपर रोक की छूट भी 9 जुलाई को खत्म हो रही है. इससे पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि India-US Trade Deal पर भारत- अमेरिका के बीच बात डेडलाइन खत्म होने से पहले ही समझौते पर पहुंच सकती है, लेकिन भारत ने अपना रुख साफ कर दिया है और डेयरी व एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स पर अमेरिकी दबाव में झुकने से साफ इनकार कर दिया है. ऐसे में गेंद अब America के पाले में पहुंच गई है और तमाम रिपोर्ट्स में ये दावा भी किया जा रहा है कि अगले 24-48 घंटे में इंडिया-यूएस मिनी ट्रेड डील पर बड़ा ऐलान हो सकता है.
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