भारतीय छात्रों के लिए कनाडा अब पहले जैसा आकर्षक ठिकाना नहीं रहा. 2025 में रिकॉर्ड 80% वीज़ा रिजेक्शन ने भारतीय स्टूडेंट्स को बड़ा झटका दिया है. कनाडा ने 2027 तक अस्थायी निवासियों की संख्या घटाकर आबादी के 5% से भी कम करने का लक्ष्य रखा है, जिसका सीधा असर स्टडी परमिट्स पर पड़ रहा है. गिरावट के बावजूद भारत अभी भी सबसे ज्यादा छात्र भेजने वाला देश है, लेकिन भविष्य अनिश्चितताओं से घिरा है.
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कनाडा का टारगेट: 2027 तक अस्थायी निवासियों की संख्या घटाकर 5% से भी कम (सांकेतिक तस्वीर)
कनाडा ने 2027 तक अस्थायी निवासियों (Temporary Residents) की संख्या को कुल आबादी के 5 प्रतिशत से भी कम करने का लक्ष्य रखा है. प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा कि हम अपने देश में लोगों का स्वागत करना चाहते हैं. लेकिन हमें यह भी देखना होगा कि हम उस स्वागत को निभाने की क्षमता रखते हैं.
इसी वजह से विदेशी छात्रों के लिए परमिट पाना अब पहले से कहीं ज्यादा मुश्किल हो गया है. एशिया और अफ्रीका के देशों से आने वाले छात्रों के वीज़ा रिजेक्शन रेट तेज़ी से बढ़ गए हैं. 2025 में कनाडा ने भारतीय छात्रों के 80% वीजा आवेदन ठुकरा दिए, जो पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा है. PIE (एक ग्लोबल प्लेटफॉर्म फॉर इंटरनेशनल एजुकेशन) के मुताबिक इस साल अप्रैल से जून के बीच 5 में से 4 भारतीय छात्रों के आवेदन खारिज हुए.
कुल मिलाकर, जनवरी से जुलाई 2025 तक 62% स्टडी परमिट रिजेक्ट हुए. जबकि पिछले एक दशक से औसतन 60% आवेदन स्वीकृत होते थे, इस साल यह दर गिरकर सिर्फ 38% रह गई.
कोरोना के दौरान घटा था आंकड़ा
2016 में करीब 21,000 भारतीय छात्रों के पास स्टडी परमिट था. अगले ही साल यह संख्या लगभग 300% बढ़कर 83,000 हो गई और जल्द ही एक लाख का आंकड़ा पार कर लिया. यह बढ़त 2020 तक जारी रही, लेकिन कोविड-19 महामारी के दौरान परमिट रेट 42% गिर गए.
इसके बाद संख्या फिर बढ़ी और 2023 में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई. लेकिन अगले साल यानी 2024 में इसमें 32% की गिरावट आई और 2025 के मध्य तक यह पिछले साल की तुलना में 52% और कम हो गई.
कुल स्टडी परमिट होल्डर्स में भी यही ट्रेंड देखने को मिला. मार्च 2024 में कनाडा ने ऐलान किया था कि 2025 से तीन साल में अस्थायी निवासियों की संख्या आबादी के 5% तक सीमित की जाएगी. लेकिन इसका असर पहले ही दिखने लगा. 2024 में स्टडी परमिट 32% घट गए और जुलाई 2025 तक यह पिछले साल के मुकाबले लगभग 25% कम हो गए.
गिरावट के बावजूद 2025 में स्टडी परमिट धारकों की सूची में भारत सबसे ऊपर है. भारत के बाद चीन, नाइजीरिया और फिलीपींस का नंबर आता है.
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