गुलाबी साड़ी और गले में मंगलसूत्र...आजतक के साथ स्पेशल इंटरव्यू में इस लुक में दिखीं स्मृति ईरानी

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एक्सट्रेस से राजनेता बनीं स्मृति ईरानी 25 साल बाद एक बार फिर से टेलीविजन की दुनिया में दूसरी पारी का आगाज कर रही हैं. वो अपने मशहूर डेली सोप 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' के दूसरे पार्ट से तुलसी विरानी के किरदार में वापसी कर रही हैं. स्मृति ईरानी टेलीविजन सीरियल 'क्योंकि सास भी कभी बहु' से भारत के घर-घर में मशहूर हुईं थीं. अब उनके फैन्स उन्हें लंबे समय के बाद एक बार फिर पर्दे पर देखने के लिए तैयार हैं. 

इस अंदाज में नजर आईं स्मृति ईरानी

'आजतक' के साथ एक्सक्लुसिव बातचीत में स्मृति ने अपने पॉलिटिकल करियर से ब्रेक, डेली सोप में वापसी और क्योंकि 'सास भी कभी बहू थी शो' पर खुलकर बात की. इस दौरान स्मृति अपने चिर-परिचित अंदाज में नजर आईं.

स्मृति ईरानी भारतीय परिधान खासकर साड़ियों को लेकर उनका प्यार किसी से छिपा नहीं है. वो अक्सर बनारसी, सिल्क, हैंडलूम साड़ियों, प्रिंटेड और कॉटन की सुंदर साड़ियों में नजर आती हैं. इस इंटरव्यू के दौरान उन्होंने गुलाबी रंग की बंधनी सिल्क साड़ी पहनी हुई थी. उन्होंने गले में मल्टीलेयर काले रंग के मोतियों वाला मंगलसूत्र और माथे पर बिंदी लगाई हुई थी. 

उन्होंने एक हाथ में घड़ी और दूसरे हाथ में कुछ कंगन और चूड़ियां पहनी हुई थीं. उनका यह लुक लोगों को तब से देखने को मिल रहा है जब से स्मृति ने राजनीति में एंट्री ली थी.  


'क्योंकि सास भी...' पर बोलीं स्मृति

एक वक्त था जब 2014 में स्मृति ने एक्टिंग छोड़कर पॉलिटिक्स में कदम रखा था. तब अक्सर उनकी वापसी की मांग की जाती थी. लेकिन अब 2025 में फिर से स्मृति पॉलिटिक्स से दूर होकर एक्टिंग में वापस जा रही हैं. वजह क्या है?

स्मृति कहती हैं कि इन 25 सालों में टेलीविजन बहुत बदला है. मैं अगर आजतक के सफर के साथ ही याद करूं तो 8 साल मैं तुलसी की भूमिका में रही हूं. इन सालों में मैं आजतक के साथ कई प्लेटफॉर्म पर आई. हम दोनों ने ही टेलीविजन को परिभाषित किया है. उस जमाने में कोई टेलीविजन इतना नहीं देखता था. उस जमाने में महिलाएं टेलीविजन सीरीज प्रोड्यूस करें, ऐसी भी कोई चलन नहीं था. एक महिला एक्टर पूरा सूत्रधार बने, एक केंद्र बिंदु बने वो भी चलन नहीं था. और इन सभी चीजों को एक लैंडमार्क की तरह स्थापित करना अनूठा अध्याय था.
 

इसके अलावा जब स्मृति से पूछा गया कि एक्टिंग में पॉलिटिक्स है या पॉलिटिक्स में एक्टिंग है? तो उन्होंने बेबाकी से कहा कि पॉलिटिक्स में एक्टिंग है ऐसा कहना संसद की तौहीन होगी.

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