कुम्भ नगरी प्रयागराज में इन दिनों भारी बारीश के कारण गंगा और यमुना नदियों का पानी उफान पर है और इलाके मे बाढ़ की स्थिति बनती जा रही है. (PTI)
त्रिवेणी संगम जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का मिलन होता है अत्यंत ही पवित्र माना जाता है. यह स्थान महाकुंभ का मुख्य केंद्र था. लाखों श्रद्धालुओं के द्वारा यहां कुंभ का पवित्र स्नान किया गया था. भारी बारिश के कारण यह स्थान भी पानी में डूब गया है. (PTI)
गंगा और यमुना का जलस्तर बहुत बढ़ गया है. संगम घाट की सीढ़ियां और चबूतरे पानी में डूबे गए हैं. इस कारण श्रद्धालुओं को घाट पर स्नान करने में कठिनाइयों को सामना करना पड़ रहा है. (PTI)
संगम क्षेत्र में बनाए गए अस्थायी टेंट और स्नान घाट,पानी में डूब गए हैं. सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम द्वारा नदियों के जलस्तर की 24 घंटे निगरानी की जा रही है. (PTI)
संगम क्षेत्र में उफनती नदियों में डूब चुके घाटों स्थिति से वहां पूजा-पाठ कराने वाले पुरोहितों, फूल बेचने वाले दुकानदारों और नाविकों को काफी नुकसान हो रहा है. (PTI)
इलाके में बाढ़ की स्थिति बनने के कारण निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई. (PTI)
संगम स्थल और अन्य घाटों पर पानी भरने से सथानिय और बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. (PTI)
लेटे हनुमान मंदिर के आसपास पानी का जलस्तर बढ़ गया है. परन्तु स्थानीय लोग गंगा का मंदिर में प्रवेश करना शुभ मानते हैं. (PTI)
विशेषज्ञों का कहना है कि नदियों का जलस्तर अभी और बढ़ सकता है, जिससे संगम क्षेत्र और निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ेगा. (PTI)
बढ़ते जलस्तर को देखते हुए लोग अपने सामान के साथ पलायन कर रहे हैं. जिला प्रशासन और सिंचाई विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड में हैं. (PTI)
उफनती गंगा नदी में मछुआरे मछली पकड़ने के लिए जाल बिछाने की तैयारी कर रहे हैं. (PTI)
भारी बारीश से गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर उफान पर होने से प्रयागराज में बाढ़ की स्थिति बन रही है. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने नावों के संचालन पर रोक लगा दी है. (PTI)