दिल्ली में नाबालिग से छेड़छाड़: कोर्ट ने सुनाई एक साल की सजा, 30 हजार रुपए का जुर्माना

2 hours ago 1

दिल्ली में 16 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ यौन उत्पीड़न और अश्लील हरकत के मामले में एक अदालत ने 28 वर्षीय शख्स को एक साल की कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही उस पर 30 हजार रुपए का जुर्माना लगाते हुए पीड़िता को एक लाख रुपए मुआवजे के रूप में देने का आदेश दिया है. अदालत ने पीड़िता की मानसिक पीड़ा और भावनात्मक आघात को देखते हुए दोषी के खिलाफ कड़ी टिप्पणी भी की है.

जानकारी के मुताबिक, ये शर्मनाक घटना फरवरी 2020 की है. 28 वर्षीय नाई ने नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न किया, अश्लील इशारे किए और जबरन उसका मोबाइल नंबर हासिल किया. इसके बाद उसने पीड़िता से संपर्क करने की कोशिश भी की. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीति सूरी मिश्रा की अदालत ने इस कृत्य को पीड़िता की मासूमियत पर हमला और उसके सम्मान के साथ जीने के अधिकार का हनन करार दिया.

9 सितंबर को सुनाए गए फैसले में अदालत ने पॉक्सो अधिनियम की धारा 12 (यौन उत्पीड़न) के तहत आरोपी को दोषी ठहराया. इस सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक योगिता कौशिक दहिया ने कहा, "यह एक घृणित और निंदनीय कृत्य है, जिसने नाबालिग लड़की को न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से गहरी ठेस पहुंचाई." उन्होंने अदालत से किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतने की अपील की थी.

अदालत ने अपने आदेश में सख्त लहजे में कहा कि इस घटना ने मासूम बच्ची के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाला है. ऐसे अपराधियों की वजह से बच्चों का अकेले बाहर निकलना असुरक्षित हो गया है. अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह की अश्लील हरकतें न केवल महिला सुरक्षा के खिलाफ हैं, बल्कि समाज की नैतिकता को भी चुनौती देती हैं. ऐसे में किसी भी तरह की नरमी का सवाल ही नहीं है. 

न्यायाधीश नीति सूरी मिश्रा ने अपने फैसले में जोर देकर कहा, "छेड़छाड़ सिर्फ एक महिला के सम्मान का उल्लंघन नहीं, बल्कि उसके मौलिक अधिकारों पर सीधा प्रहार है. ऐसे अपराधी यह समझने में नाकाम रहते हैं कि उनकी हरकतें एक बच्ची के मन पर कितनी गहरी और स्थायी चोट पहुंचा सकती हैं." यह फैसला साफ संदेश देता है कि अब अदालतें महिलाओं के खिलाफ होने वाली किसी भी हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेंगी.

---- समाप्त ----

Live TV

Read Entire Article