iPhone 17 Series लॉन्च हो चुकी है. लेकिन कुछ सवाल हैं जो लोगों के मन में हैं. ये सवाल डिजाइन या फीचर्स को लेकर नहीं हैं, बल्कि Apple के AI प्रॉमिसेज को लेकर हैं जो कंपनी ने दो साल पहले किए थे.
पिछले दो साल के Apple Evenets को देखें तो ज्यादातर फ़ोकस AI पर दिखता था, लेकिन इस बार ऐसा क्या हुआ जो पूरे इवेंट में AI का जिक्र ना के बराबर हुआ? इतना ही नहीं, इस पूरे इवेंट में Siri के बारे में भी बात नहीं हुई.
इससे पहले तक के जितने Apple Event होते रहे हैं उसमें Siri को लेकर काफी बातें हुई हैं. लेकिन इस बार ऐसा नहीं दिखा. कुल मिला कर बात ये है कि इस Apple Event में AI को लेकर ना तो कोई बड़े ऐलान देखने को मिले और ना ही कोई ऐसा ग्राउंड ब्रेकिंग AI फीचर जो इसे दूसरों से अलग करता है.
पिछले साल के Apple Event में Apple CEO टिक कुक ने दर्जनों दफा AI के बारे में बात की और इसे Apple Intelligence बताया. इवेंट में बताया गया कि iPhone में Apple Intelligence ऐसा अद्भूत कमाल करेगा कि लोग हैरान रह जाएंगे. लेकिन इवेंट के बाद साल भर ऐपल यूजर्स इंतजार करते रहे कि कब ऐसा होगा, अब तक ऐसा हो नहीं पाया.
बेसिक AI फीचर्स
ऐसा नहीं कि iPhone में AI फीचर्स नहीं है. iPhone 16 सीरीज़ हो या iPhone 17 — इनमे AI फीचर्स काफी दिए गए हैं. बेसिक फीचर्स बेहतरीन काम करते हैं जैसे राइटिंग ऐसिस्टेंट और फोटो एडिटर. लेकिन यहां पर कंपनी अपने राइवल यानी सैमसंग और गूगल से पिछड़ती हुई साफ़ दिखती है.
हालांकि ऐपल ने पहले ही साफ़ कर दिया है कि AI पावर्ड Siri को कंपनी 2026 में अनवील करेगी. लेकिन इसी चक्कर में कहीं राइवल्स AI की रेस में ऐपल से इतना आगे ना निकल जाएं कि ऐपल का कोई AI फीचर्स उनके सामने फीका लगने लगे.
आप सोच रहे होंगे कि AI की फ़ोन में क्या ही ज़रूरत है? लेकिन आपको ये भी मानना होगा कि AI की वजह से लाखों जॉब्स पर संकट है. वजह ये कि Agentic AI लोगों की जगह ले रहा है और बेहतरीन ऑटोमेशन कर रहा है.
फोटो एडिटर को ही लें तो Google और Samsung के AI फोटो एडिटर्स जिस लेवल की एडिटिंग आउटपुट देते हैं वो ऐपल से काफी आगे हैं. इतना ही नहीं सैमसंग ने क्रॉस प्लेटफॉर्म AI का भी फीचर दिया है जो फ़ोन के अलग अलग ऐप्स के साथ कम्यूनिकेट कर सकता है. इसकी ज़रूरत iPhone में भी है.
ऑटोमेशन एक ऐसा फीचर है जो आपके डेटी टास्क में मदद कर सकता है. आपको फास्ट बना सकता है और इफिशिएंट भी बना सकता है. लार्ज लैंग्वेज मॉडल हो या फिर AI बेस्ट एडिटिंग या ऑटोमेशन अगर ऐपल अपने iPhone में इस तरह के सॉलिड फीचर्स इस बार ही देता तो बेहतर होता.
चूंकि iPhone 17 Pro की क़ीमत 1 लाख 30 हज़ार रुपये से शुरू होती है. कोई शख्स इतना पैसा लगा कर फ़ोन ख़रीद रहा है तो ज़ाहिर से बात है उसे वो हर फीचर चाहिए जो उसे दूसरों से आगे रखे, ख़ास तौर पर तब जब AI लोगों को हर फ़्रंट पर बेहतर काम करने में मदद कर रहा है. इफिशिएंट बना रहा है और मल्टी टास्क करने में भी फायदा पहुंचा रहा है.
थर्ड पार्टी इंटीग्रेशन
इसमें कोई शक नहीं है कि iPhone फास्ट होते हैं और iPhone 17 सीरीज़ में दिया गया A19 चिपसेट और भी फास्ट है. लेकिन रियल लाइफ में आपके लिए इसका यूज़ क्या है? iPhone 16 हो या iPhone 15 नॉर्मल टास्क में कोई ख़ास फर्क आपको नहीं दिखेगा.
ये फ़ोन्स लैपटॉप्स से भी ज्यादा केपेबल हैं, लेकिन इसका यूजकेस? अगर कंपनी अपने नए iPhone बेहतर LLM इंटिग्रेशन देती तो ऐपल और यूजर्स दोनों के लिए ही ये फायदेमंद होता.
AI को लेकर ऐपल थर्ड पार्टी इंटिग्रेशन करने से हिचक रहा है. ChatGPT का सपोर्ट तो है, लेकिन इंटिग्रेशन उस लेवल का नहीं है जैसा होना चाहिेए था. आप ये कह सकते हैं कि ऐप स्टोर से AI ऐप इंस्टॉल करके आप काम कर लेंगे. जो सही भी है, लेकिन मैं यहां बात कर रहा हूं हर जरूरी फीचर में AI इंटिग्रेशन की. One More Thing मोमेंट की जो Apple का बड़ा हाईलाईट रहा है. बात कर रहा हूं इनोवेशन की जिसका इंतजार ऐपल फैंस काफी समय से कर रहे हैं.
ऐपल से कहां हुई चूक
AI के बजवर्ड की तरह ऐपल ने खूब भुनाया है, लेकिन कंपनी ने कम से कम इस बार वो गलती नहीं की. इनडायेक्टली ऐपल ने ये मान लिया है कि कंपनी ने AI को लेकर ओवरप्रॉमिस किया और डिलिवर नहीं कर पाए. लॉन्च इवेंट के कीनोट्स में तो खूब AI की चर्चा हुई, लेकिन असलियत में फ़ोन पर ऐसा कुछ ख़ास ग्राउंडब्रेकिंग AI फीचर्स कभी नहीं दिखे.
ऑटोमेशन को लेकर कंपनी काफी पहले से सीरियस है. अगर आप iPhone शॉर्टकट्स कायदे से यूज़ करते हैं तो आपको पता होगा काफी पहले से ऐपल अपने iPhone में ऑटोमेशन फीचर देता आया. लेकिन जब असल ऑटोमेशन की बारी आई तो कंपनी ने एक स्टेप पीछे ले लिया. हो सकता है 2026 में कंपनी AI पावर्ड Siri के साथ दुनिया को हैरान कर दे. लेकिन..
लेकिन AI जितनी तेजी से बदल रहा है और अपना शेप चेंज कर रहा है उसे देख कर ऐसा नहीं लगता. शायद ये भी एक वजह हो सकती है कि साल भर AI AI AI करने के बाद अब ऐपल ने भी ये समझ लिया कि अभी जल्दबाजी होगी.
यहां कंपनी का भले ही ज्यादा नुक़सान ना हो, लेकिन यूजर्स का नुक़सान ज़रूर है. सोचिए आप 1.5 लाख रुपये का फ़ोन खरीदते हैं, लेकिन AI फ़्रंट पर आपकी जिंदगी में ये फ़ोन ज्यादा कुछ वैल्यू ऐड नहीं कर रहा होता है....
आप इसे लेकर क्या सोचते हैं हमें कॉमेन्ट में जरूर बताएं.
---- समाप्त ----