नेपाल में Gen-Z आंदोलन के बाद पैदा हुए राजनीतिक संकट के बीच राष्ट्रपति भवन 'शीतल' के बाहर शुक्रवार को भारी बवाल मच गया. नेपाल विद्युत प्राधिकरण (NEA) के पूर्व प्रमुख कुलमान घीसिंग को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने की मांग को लेकर उनके समर्थकों ने जोरदार नारेबाजी की, जबकि हरक सांपांग के समर्थक भी मौजूद थे.
राष्ट्रपति भवन में सिर्फ 'हामी नेपाल' के प्रतिनिधियों को सुबह से बुलाए जाने से नाराजगी भड़क गई, जिसके विरोध में बाकी समूहों ने राष्ट्रपति भवन के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया. नेपाल की सेना ने स्थिति पर काबू पाने के लिए मोर्चा संभाल लिया और गुस्साई भीड़ को देखते हुए कॉम्बैट पोजीशन में आ गई.
नेपाल में अपनी सरकार के खिलाफ हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था. अब देश में अंतरिम सरकार के नेतृत्व को लेकर गतिरोध जारी है. Gen-Z आंदोलन का प्रतिनिधित्व करने वाले एनजीओ 'हामी नेपाल', के प्रतिनिधियों को राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने शुक्रवार सुबह बैठक के लिए बुलाया, जहां सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल की मौजूदगी में बातचीत हो रही थी.
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इस बीच राष्ट्रपति भवन के बाहर कुलमान घीसिंग के समर्थकों ने 'कुलमान घीसिंग जिंदाबाद' के नारे लगाए, जो नेपाल में विद्युत प्राधिकरण का प्रमुख रहते हुए बिजली संकट समाप्त करने के लिए लोकप्रिय हैं. वहीं, धरान के मेयर हरक सांपांग के समर्थकों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जो भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते हैं.
नेपाल में 8 और 9 सितंबर को भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ हुए Gen-Z आंदोलन में 51 से अधिक मौतें हुईं और सैंकड़ों घायल हो गए. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद अंतरिम सरकार के गठन पर चर्चा हो रही है. लेकिन नेतृत्व को लेकर Gen-Z समूहों के बीच मतभेद हैं. एक धड़ा नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशिला कार्की को पसंद कर रहा है, तो दूसरा कुलमान घीसिंग और हरक सांपांग का नाम आगे बढ़ा रहा है.
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एनजीओ 'हामी नेपाल' के प्रमुख सुदन गुरुंग ने कहा, 'हम लोकतंत्र बचाने के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन एकजुट रहना जरूरी है.' राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने देश के युवाओं से शांति की अपील की है, जबकि सेना ने काठमांडू में कर्फ्यू सख्त कर दिया है. किसी एक नाम पर सहमति नहीं बनने से नेपाल में अंतरिम सरकार गठन की प्रक्रिया जटिल बन गई है. फिलहाल, राष्ट्रपति भवन के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है, और सभी समूहों से कोई बीच का रास्ता निकालने को लेकर बातचीत जारी है.
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