दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को लूट और मर्डर के एक 9 साल पुराने मामले में बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने साल 2015 में दिल्ली के मौर्या एन्क्लेव इलाके में एक व्यापारी की हत्या कर 7 लाख की लूट करने वाला अपराधी आशीष कुमार गिरफ्तार कर लिया. उसे ग्रेटर नोएडा से पकड़ा गया है. उसे अदालत ने घोषित अपराधी कहा था. पुलिस हिरासत में उससे पूछताछ की जा रही है.
इस हाई प्रोफाइल केस में तीन आरोपी पहले ही आजीवन कारावास की सजा पा चुके हैं, लेकिन आशीष कुमार अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर था. ये घटना साल 2015 की है. आशीष कुमार अपने साथियों अमित, आदिल, शाहबाद उर्फ कद्दू के साथ मिलकर दिल्ली के मौर्या एन्क्लेव में एक व्यापारी को लूटने की साजिश रची थी. अपनी योजना के अनुसार इन्होंने व्यापारी से 7 लाख लूट लिए.
🚨 NOTORIOUS CRIMINAL ARRESTED IN DACOITY-CUM-MURDER CASE 🚨
Declared Fugitive/P.O. Finally Nabbed After Persistent Efforts
✅ One of the most wanted fugitives in a heinous dacoity-cum-murder case has been successfully apprehended.
✅ Three co-accused have already been… pic.twitter.com/OGq9Rd5mfX
जानकारी के मुताबिक, लूट के वक्त जब पीड़ित ने विरोध किया, तो उसे बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया. हत्या और लूट के इस मामले में भारतीय दंड संहिता की हत्या, डकैती, आपराधिक साजिश से जुड़ी धाराएं और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था. इसके बाद पुलिस ने आशीष, अमित, आदिल और शाहबाद को गिरफ्तार कर लिया. इनमें से तीन को अदालत ने दोषी ठहराया था.
इसके बाद अदालत ने उन तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इसी बीच आशीष कुमार को साल 2020 में 45 दिनों की अंतरिम जमानत मिली, जिसे कोरोना महामारी के कारण कुछ समय तक बढ़ाया गया. लेकिन जमानत अवधि खत्म होने के बाद भी आशीष ने आत्मसमर्पण नहीं किया, जिसके चलते 4 जनवरी 2023 को रोहिणी कोर्ट ने उसे 'घोषित अपराधी' करार दिया था.
दिल्ली पुलिस की जांच में सामने आया है कि आशीष कुमार को इस अपराध की दुनिया में लाने वाला उसका दोस्त अमित था, जो पहले से ही अवैध गतिविधियों में लिप्त था. आशीष ने अपराध के बदले में 1.5 लाख रुपए लिए थे. इस गिरफ्तारी से बचने के लिए वो ग्रेटर नोएडा के एक मोबाइल फोन फैक्ट्री में मजदूर के रूप में काम कर रहा था. नई पहचान के साथ सामान्य जीवन जी रहा था.
इसी बीच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की विशेष टीम ने तकनीकी निगरानी और गुप्त सूचना के आधार पर उसकी लोकेशन को ट्रेस लिया. 6 जून 2025 को उसे पुलिस की टीम ने धर दबोचा. इसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे रविवार को अदालत में पेश किया. वहां से अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया. हालांकि, पुलिस उसकी हिरासत चाहती थी, जिसे खारिज कर दिया गया.
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