भारतीय किसानों को अच्छी फसल के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है. दिन-रात खेतों की निगरानी, समय पर खाद और पानी आदि डालना होता है. आज भारतीय किसानों के काम आने वाले कुछ खास गैजेट और टूल्स के बारे में बताने जा रहे हैं. इनकी मदद से किसानों भाइयों को आराम और अच्छी पैदावार दोनों मिलेंगी.
सबसे पहले तो एग्रीकल्चरल ड्रोन के बारे में बताते हैं. इंडियामार्ट समेत कई ऑनलाइन पोर्टल पर ये ड्रोन मिल जाते हैं. ये ड्रोन खेतों में अलग-अलग टास्क करने में सक्षम होते हैं, जैसे कीटनाशक छिड़कना, निगरानी करना आदि.
एग्रीकल्चरल ड्रोन कीमत
खेती-बाड़ी में यूज होने वाले ड्रोन अलग-अलग प्राइस सेगमेंट में मिलते हैं. इंडियामार्ट पर ये कीमत 40 हजार रुपये से शुरू होती है. ड्रोन की कीमत टैंक, बैटरी कैपिसिटी पर बेस्ड होती है. हालांकि ड्रोन इंडस्ट्री में DJI एक बड़ा नाम है, जिसका एग्रीकल्चर ड्रोन भी आता है और उसकी कीमत 13 लाख रुपये है.
खेतों के लिए Soil Moisture Sensor
अच्छी फसल के लिए मिट्टी का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है. ऐसे में बाजार में कई एडवांस्ड सेंसर आ गए हैं. ऑनलाइन और ऑफलाइन बाजार में ढेरों Soil Moisture Sensor आ चुके हैं, जिन्हें आप यूज कर सकते हैं.
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ये सेंसर एक पूरे सेटअप के साथ आते हैं, जिनमें से कुछ खेत की मिट्टी में लगने वाले सेंसर होते हैं और कुछ मोटर को कंट्रोल करने वाले टूल्स होते हैं. जैसे ही खेत की मिट्टी सूखने लगती है सेंसर तुरंत मोटर पर लगे टूल्स को कमांड देते हैं, इससे मोटर पंप ऑन हो जाता है. फिर खेतों में पानी आना शुरू हो जाता है. पानी का पंप खुद ब खुद बंद भी हो जाता है.
मिट्टी की नमी को जांचने वाले सेंसर ऑनलाइन और ऑफलाइन मार्केट से खरीदे जा सकते हैं. बाजार में ये सेंसर 5 हजार रुपये की शुरुआती कीमत में मिल जाते हैं. इन्हें इंस्टॉल करना या सेटअप करना बहुत ही आसान है.
सोलर पावर पर चलने वाली मोटर
खेती के लिए सोलर पावर पर चलने वाली मोटर्स का यूज किया जा सकता है. ऐसे में आपको भारी बिजली बिल और हाई मेंटेनेंस का सामना नहीं करना पड़ेगा. सोलर पैनल को खेत में कहीं भी लगा सकते हैं, जो मोटर को पावर देगा.
बाजार से आप सोलर पैनल और उसपर चलने वाले मोटर पंप को खरीद सकते हैं. सोलर पैनल और मोटर पंप का खर्चा करीब 80 हजार रुपये से 1 लाख रुपये के बीच आ सकता है.
खेती के लिए स्मार्ट इंटीग्रेशन सिस्टम
एग्रीकल्चर में यूज होने वाले गैजेट को ऑटोमैटिक कंट्रोल करने के लिए स्मार्ट इंटीग्रेशन सिस्टम भी मिलता है. इसकी मदद से खेतों में सप्लाई ऑटोमैटिक होगी, कीटनाशक के छिड़काव का रिमाइंडर भी मिलेगा.
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मशीनों और ट्रैक्टर में लगाएं GPS
ग्लोबल पॉजिशनिंग सिस्टम (GPS) ट्रैकर बाजार में आसानी से मिल जाते हैं. आप अपने ट्रैक्टर और अन्य व्हीकल में GPS यूज कर सकते हैं. ऐसे में आप ट्रैक्टर या अन्य व्हीकल को आसानी से ट्रैक कर सकते हैं. उसे चोरी होने से भी बचा सकते हैं.
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