सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के चर्चित नीतीश कटारा हत्याकांड में 25 साल की सजा काट रहे दोषी विकास यादव को मिली अंतरिम जमानत को एक सप्ताह के लिए और बढ़ा दिया है. इस मामले की सुनवाई जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ में होनी थी. लेकिन, सुनवाई शुरू होते ही जस्टिस कोटिश्वर सिंह ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया, जिसके बाद इसे दूसरी बेंच के समक्ष सूचीबद्ध करने के लिए मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी आर गवई के पास भेजा गया.
विकास यादव ने अपनी अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की थी. उसने कहा था कि सजा के दौरान लगाए गए 54 लाख रुपये के जुर्माने की व्यवस्था करने और अपनी शादी के लिए उसे और समय चाहिए. हालांकि, नीतीश कटारा की मां नीलम कटारा के वकील ने इस अनुरोध का विरोध करते हुए दावा किया कि विकास यादव की शादी पहले ही जुलाई में हो चुकी है.
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दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अंतरिम जमानत को एक सप्ताह के लिए बढ़ाने का आदेश दिया. विकास यादव, जो उत्तर प्रदेश के पूर्व नेता डीपी यादव का बेटा है. अदालत ने विकास और उसके चचेरे भाई विशाल यादव को 2002 में नीतीश कटारा के अपहरण और हत्या का दोषी ठहराया था.
यह हत्या नीतीश कटारा और विकास की बहन भारती यादव के कथित प्रेम संबंधों के कारण हुई थी. दोनों भाइयों ने नीतीश के साथ अपनी बहन के प्रेम संबंध का विरोध किया था. इस मामले में तीसरे दोषी सुखदेव पहलवान को 20 साल की सजा सुनाई गई थी, जिसे इस साल जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने रिहा कर दिया था.
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दिल्ली हाई कोर्ट ने 22 अगस्त, 2025 को विकास यादव की अंतरिम जमानत बढ़ाने से इनकार कर दिया था, क्योंकि उसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई जमानत को बढ़ाने का अधिकार क्षेत्र नहीं था. इसके बाद विकास ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. वह पिछले 23 साल से जेल में है और उसने अपनी मां की बीमारी के आधार पर पहले भी अंतरिम जमानत मांगी थी.
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