पटना का एक बी.टेक ग्रेजुएट युवक म्यांमार में फर्जी नौकरी के लालच में फंसकर दो महीने तक बंधक बना रहा. पुलिस और भारतीय दूतावास के प्रयासों से युवक को सुरक्षित देश वापस लाया गया है.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि बंधक बने युवक की पहचान सचिन कुमार के रूप में हुई है. वो पटना का रहने वाला है. सचिन को एक नेपाली एजेंट ने म्यांमार में अच्छी सैलरी वाली नौकरी का झांसा देकर फंसाया. एजेंट ने उसका टूरिस्ट वीजा बनवाकर म्यांमार भेजा. जून के आखिर में जैसे ही सचिन वहां पहुंचा, उसे बंधक बना लिया गया.
विदेश बुलाकर युवक को बनाया बंधक
पटना सिटी एसपी (पश्चिम) भानु प्रताप सिंह ने बताया कि बंधक बनाने के बाद आरोपियों ने सचिन को एक स्कैम में शामिल करने का दबाव बनाया. इंकार करने पर उसे शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया. इसके अलावा, परिजनों से फिरौती भी मांगी गई. सचिन के परिवार से संपर्क कर रकम देने के लिए धमकाया गया.
परिवार की शिकायत पर पटना पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और एक आरोपी को गिरफ्तार किया. मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित की गई. इसके साथ ही म्यांमार के अधिकारियों से संपर्क कर भारतीय दूतावास की मदद से युवक की रिहाई सुनिश्चित कराई गई.
नेपाली एजेंट ने दिया था अच्छी सैलरी का झांसा
अधिकारियों ने बताया कि सचिन को म्यांमार से छुड़ाकर भारतीय दूतावास के सुपुर्द किया गया. शुक्रवार को वह कोलकाता के रास्ते पटना पहुंचा. फिलहाल पुलिस आरोपी नेटवर्क की तलाश में जुटी है. यह गिरोह नेपाली एजेंटों के माध्यम से भारतीय युवाओं को ऊंची सैलरी वाली नौकरी का झांसा देकर म्यांमार बुलाता है और उन्हें जबरन साइबर फ्रॉड और अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल करता है. पुलिस ने युवाओं से अपील की है कि किसी भी अनजान एजेंट या कंपनी के झांसे में आकर विदेश जाने से पहले उनकी सत्यता की जांच जरूर करें.
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