पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के कुख्यात भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम की अपील कोर्ट से करारा झटका लगा है. भारत में 6,300 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी के आरोपी चोकसी की जमानत याचिका एक बार फिर खारिज कर दी गई है. अदालत ने यह फैसला सीबीआई द्वारा प्रस्तुत उन ठोस तर्कों और सबूतों के आधार पर लिया, जिनमें कहा गया था कि चोकसी पहले भी कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए कई देशों से फरार हो चुका है और यदि उसे जमानत दी गई तो वह दोबारा किसी अन्य देश भाग सकता है.
चोकसी, जो गीताांजलि ग्रुप का मालिक है, को इसी साल अप्रैल में बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था. यह गिरफ्तारी भारत की सीबीआई द्वारा भेजे गए प्रत्यर्पण अनुरोध के आधार पर हुई थी. हालांकि, गिरफ्तारी के बाद से ही चोकसी लगातार अदालत से जमानत पाने की कोशिश कर रहा है. इससे पहले उसकी जमानत अर्जी बेल्जियम की सर्वोच्च अदालत कोर्ट ऑफ कसेशन ने भी ठुकरा दी थी. हाल ही में 22 अगस्त को चोकसी ने एक और याचिका दाखिल की थी, जिसमें उसने ‘हाउस अरेस्ट’ यानी घर में नजरबंदी के विकल्प का प्रस्ताव दिया था, लेकिन अदालत ने इस याचिका को भी खारिज कर दिया.
सितंबर में होगी प्रत्यर्पण पर सुनवाई
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अब बेल्जियम की अदालत में चोकसी की प्रत्यर्पण सुनवाई सितंबर के मध्य में तय की गई है. सीबीआई इस केस में बेल्जियम अभियोजन पक्ष को हर संभव कानूनी सहयोग दे रही है. इसके लिए सीबीआई अधिकारियों ने ब्रुसेल्स पहुंचकर केस से जुड़े दस्तावेज, सबूत और चार्जशीट वहां की एजेंसियों को सौंपी हैं. साथ ही, एक यूरोपीय लॉ फर्म को भी केस में शामिल किया जाएगा ताकि भारत का पक्ष मजबूत तरीके से पेश किया जा सके.
नीरव मोदी भी जेल में है बंद
बता दें कि चोकसी का नाम पीएनबी के 13,000 करोड़ रुपये के सबसे बड़े बैंक घोटाले से जुड़ा हुआ है. इस मामले में उसका भांजा नीरव मोदी भी मुख्य आरोपी है. नीरव मोदी फिलहाल लंदन की जेल में बंद है और भारत प्रत्यर्पण का विरोध कर रहा है. दोनों पर आरोप है कि इन्होंने पीएनबी के मुंबई ब्रैडी हाउस शाखा के कुछ अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoUs) जारी कर भारी-भरकम रकम विदेश भेजी.
कैसे हुआ 6,344 करोड़ रुपये का घोटाला
सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, मार्च-अप्रैल 2017 में पीएनबी ब्रैडी हाउस शाखा के अधिकारियों ने चोकसी की कंपनियों को 165 LoUs और 58 FLCs जारी किए थे. इनके आधार पर विदेशी बैंकों ने अरबों रुपये का क्रेडिट दिया, लेकिन इस प्रक्रिया में पीएनबी की केंद्रीय बैंकिंग प्रणाली में कोई प्रविष्टि नहीं की गई, ताकि धोखाधड़ी पकड़ में न आए. बाद में जब ये कंपनियां रकम लौटाने में नाकाम रहीं, तो पीएनबी को विदेशी बैंकों को कुल 6,344 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करना पड़ा.
भारत की बड़ी कानूनी जीत
सीबीआई ने बेल्जियम अदालत को यह भी बताया कि भारत में मेहुल चोकसी के खिलाफ कई मुकदमे लंबित हैं और मुंबई की विशेष अदालत ने 2018 व 2021 में उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किए हैं. चोकसी पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और लेखा फर्जीवाड़े के मामले दर्ज हैं. इसके अलावा उस पर भ्रष्टाचार निवारण कानून के प्रावधान भी लागू होते हैं. खास बात यह है कि बेल्जियम के कानून में भी ये अपराध माने जाते हैं. यही कारण है कि प्रत्यर्पण संधि के ‘ड्यूल क्रिमिनैलिटी क्लॉज’ को लागू करना आसान हो गया है.
भारत ने चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए संयुक्त राष्ट्र के ट्रांसनेशनल ऑर्गेनाइज्ड क्राइम कन्वेंशन (UNTOC) और एंटी-करप्शन कन्वेंशन (UNCAC) का भी हवाला दिया है. यह भारत के पक्ष को और मजबूत करता है.
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