अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कट्टर समर्थक चार्ली कर्क की हत्या को लेकर शोक की लहर है और देश का झंडा शोक में रविवार शाम तक के लिए झुका दिया गया है. अमेरिका के यूटा राज्य की यूनिवर्सिटी में एक प्रोग्राम के दौरान चार्ली की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस हत्या को लेकर अमेरिका की मुस्लिम सांसद इल्हान उमर ने ऐसा बयान दिया है जिससे हलचल मच गई है. मिनेसोटा से डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद और प्रगतिशील गुट 'Squad' की मेंबर उमर ने न केवल चार्ली कर्क की मौत का मजाक बनाया है बल्कि उनके राजनीतिक विचारों को भी खराब बताते हुए उनकी आलोचना की है जिसके बाद उन्हें निशाने पर लिया जा रहा है.
बुधवार को यूटा वैली यूनिवर्सिटी के बाहर चार्ली कर्क की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उनकी हत्या के अगले ही दिन इल्हान उमर ने एक इंटरव्यू के दौरान कर्क की राजनीतिक विचारधारा और उनकी विरासत का मजाक उड़ाया. उन्होंने हंसते हुए कहा कि कर्क का काम नफरत फैलाने वाला रहा है.
उमर ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, 'बहुत से लोग उसके बारे में यह कह रहे हैं कि वह बहुत अच्छी डिबेट करता था. ये सब लोग बकवास कर रहे हैं. हम उसे लेकर गुस्सा महसूस करते थे और यह ऐसे लोगों को बताना जरूरी है.'
उन्होंने कहा कि जब पुलिस कस्टडी में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत हुई थी तब कर्क ने उसे कम करके आंका था और हेट स्पीच को बढ़ावा दिया था.
उमर ने कहा, 'मैं जानती हूं कि चार्ली ही था जिसने एक बार स्कूल में हुई गोलीबारी के बाद कहा था कि बंदूकें जान बचाती हैं. चार्ली ही वो इंसान था जो मिनियापोलिस पुलिस के हाथों जॉर्ज फ्लॉयड की मौत पर डिबेट करने और उसे कम करके आंकने को तैयार था.'
'यह मान लेना सबसे बड़ी गलती होगी...'
उमर ने कहा कि चार्ली कर्क ने गुलामी और अमेरिका के अश्वेत लोगों को कम करके आंका और कहा कि गुलामी का कभी अस्तित्व ही नहीं था. उमर ने हंसते हुए कहा, 'यह मान लेना सबसे बड़ी गलती होगी कि कर्क के शब्द और कामकाज जैसे रिकॉर्ड में ही नहीं हैं. पिछले एक दशक से उनके बयानों के रिकॉर्ड मौजूद हैं. लोग उन्हें हीरो बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई सबके सामने है.'
इस बयान को लेकर उमर को काफी आलोचना झेलनी पड़ रही है और कई रिपब्लिकन नेताओं ने इसे 'संवेदनहीन' और 'घृणा से भरपूर' करार दिया. वहीं, कुछ वामपंथी एक्टिविस्ट्स ने उमर का समर्थन करते हुए कहा कि वो सिर्फ सच्चाई बयान कर रही हैं.
कौन हैं इल्हान उमर जो भारत को भी बनाती रही हैं निशाना
इल्हान उमर जब छोटी बच्ची थीं तभी उनका परिवार सोमालिया के गृहयुद्ध से बचने के लिए देश से भाग आया था. उमर ने 1997 में अपने परिवार के साथ अमेरिका शिफ्ट होने से पहले केन्या में एक शरणार्थी शिविर में चार साल बिताए.
उमर को 17 साल की उम्र में अमेरिकी नागरिकता मिल गई और 2016 में उनका राजनीतिक जीवन शुरू हुआ जब उन्हें मिनेसोटा प्रतिनिधि सभा के लिए चुना गया. इसी के साथ ही वो अमेरिका की पहली सोमाली-अमेरिकी विधायक बनीं.
फिर उन्होंने 2018 में कांग्रेस का चुनाव जीता. इसके बाद जल्दी ही वो एक प्रमुख प्रगतिशील नेता और द स्क्वाड की संस्थापक सदस्य बन गईं. यह समूह उदार सांसदों का एक समूह है जो सामाजिक न्याय, जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य सेवा और आव्रजन सुधार पर अपनी वकालत के लिए जाने जाते हैं.
अनुच्छेद 370 हटाने पर इल्हान का बयान
इल्हान भारत को लेकर हमेशा से आलोचनात्मक रही हैं. भारत ने जब 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया था तब इल्हान उमर ने इसकी काफी आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि भारत सरकार का यह कदम चिंताजनक है.
उन्होंने साल 2022 में पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर का दौरा किया था जिस पर भारत ने भारी आपत्ति जताई थी. इल्हान कई विदेशी मंचों से भारत की आलोचना भी कर चुकी हैं और भारत को अल्पसंख्यक विरोधी बता चुकी हैं.
उन्होंने कहा था कि भारत में मुस्लिम होना अपराध जैसा है. इल्हान ने यह भी आरोप लगाया कि अमेरिका भारत में हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन के बारे में खुलकर नहीं बोलता.
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