भारत और अमेरिका के बीच अभी ट्रेड डील (India-US Trade Deal) फाइनल नहीं हो पाई है. दोनों देशों के प्रतिनिधि इसे अंतिम रूप देने के प्रयास में जुटे हुए हैं. इस बीच, एक के बाद एक देशों पर ट्रंप टैरिफ का बम फोड़ रहे हैं. कल रात उन्होंने कनाडा पर 35 फीसदी टैरिफ का ऐलान कर दिया, जबकि उससे एक दिन पहले ब्राजील समेत कई देशों पर टैरिफ लगाया था.
भारत पर टैरिफ (Tariff on India) को लेकर कहा जा रहा है कि अमेरिका से डील होने के बाद यह 10 से 20 फीसदी के बीच रह सकता है. ट्रंप इससे ज्यादा टैरिफ नहीं लगाएंगे. उन्होंने कनाडा पर टैरिफ लगाने के साथ ही इसका संकेत भी दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कनाडा पर 35 फीसदी टैरिफ (Tariff on Canada) को लेकर कहा कि यह टैरिफ उसके अनुचित व्यापार और जवाबी कार्रवाई के कारण लगाया जा रहा है.
ट्रंप ने कनाडा पर टैरिफ को लेकर क्या कहा?
US के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक पत्र में लिखा कि जैसा कि आप जानते हैं, अमेरिका ने पहले भी टैरिफ लगाए थे, क्योंकि देश में फेंटानिल संकट फैल रहा है, जिसको नियंत्रित किया जा सके. यह संकट आंशिक रूप से कनाडा की असफलता के कारण और भी बढ़ा है. उन्होंने आगे यह भी चेतावनी दी कि अगर कोई कनाडाई कंपनी किसी तीसरे देश के जरिएस उत्पाद भेजती है तो उसपर भी यह टैरिफ लागू होगा. कनाडा पर टैरिफ 1 अगस्त से लागू होंगे.
ट्रंप ने भारत को लेकर क्या दिए संकेत?
Trump ने कहा कि जरूरी नहीं है कि हर किसी को लेटर भेजा जाए. आप यह जानते हैं कि हम बस अपने टैरिफ तय कर रहे हैं. हम अभी बाकी देशों पर भी टैरिफ लगाने का प्लान कर रहे हैं, लेकिन जो व्यापार साझेदार हैं, उनपर ये टैरिफ 15 से 20 फीसदी तक ही होगा. इसका मतलब है कि अगर भारत और अमेरिका के बीच डील पूरी हो जाती है तो Tariff 20 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकता.
चीन-बांग्लादेश से ज्यादा नहीं होगा भारत पर टैरिफ
ट्रंप के इस नए संकेत से यह तो तय हो गया है कि भारत पर अमेरिका का टैरिफ चीन के औसतन 51 फीसदी और बांग्लादेश के 35 फीसदी से ज्यादा नहीं होगा. अमेरिका ने चीन के अनुतिच व्यापार को लेकर ये टैरिफ लगाया है और कहा है कि अगर चीन 12 अगस्त तक डील नहीं करता है तो आगे और भी टैरिफ लगाया जाएगा.
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर अपेडट क्या है?
India-US के बीच डील को लेकर अभी बात नहीं बन पा रही है. खबर है कि भारतीय दल एक बार फिर वाशिंगटन जाने वाला है और वहां पर अमेरिकी अधिकारियों से इस डील को लेकर चर्चा करने वाला है. इन दोनों के बीच, एग्री, ऑटो और डेयरी को लेकर मामला अटका हुआ है. अमेरिका चाहता है कि भारत इन सेक्टर्स पर टैरिफ कम करे, जबकि भारत का कहना है कि हम देशहित में समझौता नहीं करेंगे. ये सेक्टर्स सेंसेटिव हैं, जिसे लेकर भारत अपनी शर्तों से समझौता नहीं करने वाला है.
भारत की क्या है डिमांड?
भारत चाहता है कि अमेरिका टैरिफ को 10 फीसदी या उससे कम रखे, ताकि ग्लोबल मार्केट में भारत की मजबूती बढ़े. इसके अलावा, भारत चाहता है कि अमेरिका भारत के छोटे बिजनेस के लिए कारोबार खोले ताकि पहुंच बढ़े और भारतीय कंपनियों को बढ़ावा मिल सके.
अमेरिका के साथ डील भारत के लिए फायदेमंद
भारत के लिए US से डील फायदे का सौदा होगा, क्योंकि भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 में अमेरिका को 6.84 लाख करोड़ का एक्सपोर्ट किया था और 2023-24 में 6.75 लाख करोड़ रुपये का माल बेचा था. वहीं इम्पोर्ट 2022-23 में 4.43 लाख करोड़ रुपये और 2023-24 में 3.67 लाख करोड़ रुपये का किया था. ऐसे में देखा जाए तो भारत का एक्सपोर्ट बढ़ रहा है और US द्वारा इम्पोर्ट कम हो रहा है, जो भारत के लिए फायदे का सौदा है.
वहीं चीन पर ज्यादा टैरिफ लगने से अमेरिका में भारत के अन्य बिजनेस के रास्ते भी खुल रहे हैं. अमेरिकी कंपनियां चीन के ऑप्शन के तौर पर भारत से ज्यादा माल मंगाने पर फोकस करेंगी.
---- समाप्त ----