अवैध धर्मांतरण का नेटवर्क चलाने के आरोप में गिरफ्तार छांगुर बाबा अब 100 करोड़ की संपत्ति का मालिक बताया जा रहा है. एटीएस की जांच में पता चला है कि छांगुर बाबा और उसकी संस्थाओं से जुड़े खातों में 100 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन हुआ है. छांगुर बाबा की इस करतूत की एटीएस ने विस्तृत रिपोर्ट बनाकर ईडी को दी है. अब इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के तहत जांच हो सकती है.
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गिरफ्तार छांगुर बाबा की अब खुल रही पोल
यूपी का रहने वाला जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा एक ऐसा नाम है जो कुछ साल पहले तक सड़कों पर अंगूठी और नग बेचता था, उसे अब 100 करोड़ की संपत्ति का मालिक बताया जा रहा है. एटीएस की जांच में पता चला है कि छांगुर बाबा और उसकी संस्थाओं से जुड़े खातों में 100 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन हुआ है.
छांगुर बाबा की इस करतूत की एटीएस ने विस्तृत रिपोर्ट बनाकर ईडी को दी है. अब इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के तहत जांच हो सकती है. यह वही छांगुर बाबा है जिसे यूपी एटीएस ने अवैध धर्मांतरण का नेटवर्क चालने के आरोप में गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि कभी नग और अंगूठियां बेचने वाला छांगुर बाबा, महज 5-6 साल में आलीशान कोठी, लग्जरी गाड़ियां और कई फर्जी संस्थाओं का मालिक बन गया. मधपुर गांव की कोठी उसके नेटवर्क का मुख्य अड्डा था. जहां से उसका पूरा नेटवर्क संचालित होता था.
14 सहयोगियों की तलाश, देशभर में फैला नेटवर्क
छांगुर बाबा के नेटवर्क के 14 मुख्य सहयोगियों की तलाश में एटीएस और एसटीएफ की टीमें जुटी हैं. इनमें कथित पत्रकार से लेकर अन्य नामचीन चेहरे शामिल हैं. जिन नामों की तलाश है उनमें महबूब, पिंकी हरिजन, हाजिरा शंकर, पैमैन रिजवी (कथित पत्रकार) और सगीर शामिल हैं. इनकी गिरफ्तारी से गिरोह के नेटवर्क के और गहरे राज सामने आ सकते हैं. गिरोह के कई सदस्य आजमगढ़, औरैया, सिद्धार्थनगर जैसे जिलों से हैं और इनके खिलाफ पहले से एफआईआर दर्ज है.
कॉलेज खोलने की योजना
मधपुर में आलीशान कोठी बनाने के बाद, झांगुर बाबा ने उसी परिसर में डिग्री कॉलेज खोलने की योजना बनाई थी. इसके लिए उसने भवन का निर्माण भी शुरू कर दिया था. फिलहाल उसकी ये योजनाएं उसकी गिरफ्तारी और जांच के चलते ठप पड़ गई हैं.
बाबा ने 50 बार इस्लामिक देशों की यात्रा की
यूपी के ADGP (लॉ एंड ऑर्डर) अमिताभ यश ने बताया कि जमालुद्दीन बाबा ने अब तक 40 से 50 बार इस्लामिक देशों की यात्रा की है. जांच में यह भी पाया गया है कि बलरामपुर में उसने कई संपत्तियां भी खरीदी हैं. उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और यूपी एटीएस जांच कर रही है. फिलहाल इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है और एसटीएफ का कहना है कि इस नेटवर्क की पहुंच पूरे भारत में फैली हुई है. विदेशी फंडिंग खासकर खाड़ी देशों से आने की बात सामने आई है, जिसकी जांच की जा रही है.
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