GST cut on Tractor & Tyres: गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) स्लैब में बड़े बदलाव का ऐलान किया गया है. मौजूदा चार स्लैब के बजाय अब केवल 2 जीएसटी स्लैब (5% और 18%) ही रहेंगे. दिवाली-दशहरा जैसे त्योहारों से पहले सरकार के इस फैसले से आम लोगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. अब रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली कई वस्तुओं और सेवाओं पर आम लोगों को कम खर्च करना पड़ेगा. साथ ही जीएसटी कट का लाभ कृषी सेक्टर यानी खेती-किसानी से जुड़े लोगों को भी मिलेगा.
बीते कल जीएसटी काउंसिल की बैठक खत्म होने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, “यह फैसला आम आदमी, लेबर-इंटेंसिव और कृषि सेक्टर” को समर्थन देने के साथ-साथ टैक्स संरचना में लंबे समय से चली आ रही विसंगतियों को दूर करने के लिए लिया गया है. उन्होंने कहा, “आम आदमी के दैनिक उपयोग की वस्तुओं और एसेंशियल्स पर लगाए गए हर टैक्स की समीक्षा की गई है और ज्यादातर मामलों में दरों में भारी कमी की गई है.”
कृषी सेक्टर के लिए क्या हुआ ऐलान?
खेती-किसानी में इस्तेमाल होने वाले ट्रैक्टरों के टायर और एग्रीकल्चर मशीनरी पर अब बड़ी राहत दी गई है. नए नियम के अनुसार अब ट्रैक्टर, मिट्टी तैयार करने और खेती से जुड़ी मशीनें जैसे हार्वेस्टर, थ्रेशर, पुआल व चारा पैक करने वाली मशीनें, घास बोने के उपकरण, हे मूवर, कम्पोस्टिंग मशीनें और इसी तरह की अन्य कृषि, बागवानी से जुड़ी मशीनों पर केवल 5% जीएसटी लगेगा.
इससे पहले इन मशीनरी और उपकरणों पर 12% जीएसटी लागू होता था. इसका सीधा लाभ किसानों को होगा. इसी तरह, 12 निर्धारित बायो-कीटनाशकों पर भी जीएसटी को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है. इसका उद्देश्य किसानों की लागत कम करना है, जिससे खेती-किसानी और भी किफायती हो सकेगी.
सस्ते टायर और पार्ट्स
सरकार ने कृषी कार्यों में इस्तेमाल होने वाले वाहनों के टायरों और पार्ट्स पर भी जीएसटी छूट का ऐलान किया है. नए नियम के अनुसार टायरों पर अब केवल 5% जीएसटी लगेगा, जो पहले 12% लगता था. दूसरी ओर इन मशीनरी में इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स को भी 5% टैक्स स्लैब में डाल दिया गया है. यानी यदि कृषी संबंधी उपकरण या वाहन खराब होते हैं तो उनकी मरम्मत के दौरान यदि कोई पार्ट बदला जाता है तो वो भी कम कीमत में उपलब्ध होगा.
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