कानपुर के पनकी थाना क्षेत्र के निवासी सत्यम त्रिवेदी ने लखनऊ में अखिलेश यादव के सामने रोते हुए कहा- इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह ने उन्हें थाने के अंदर जूतों से मारा, साथ ही जाति सूचक गालियां भी दीं. फिलहाल, अब इस मामले को लेकर सियासत तेज हो गई है.
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अखिलेश के सामने सत्यम त्रिवेदी ने बयां किया दर्द (Photo: Screengrab)
कानपुर के सत्यम त्रिवेदी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह सपा मुखिया अखिलेश यादव के सामने अपने ऊपर हुई कथित पुलिसिया बर्बरता की कहानी को बयां कर रहे हैं. सत्यम भावुक होकर कहते हैं कि पनकी थाने के इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह ने उन्हें जूतों से मारा. उनके चेहरे पर आज भी इसके निशान मौजूद हैं. सत्यम का आरोप है कि इंस्पेक्टर ने पिटाई के साथ ही जाति सूचक भद्दी-भद्दी गालियां भी दीं.
फिलहाल, अब इसको लेकर सियासी पार हाई हो गया है. अखिलेश यादव ने पूरे मामले में यूपी सरकार और प्रशासन को घेरा है. उन्होंने सोशल मीडिया पर पीड़ित का वीडियो शेयर करते हुए लिखा- सत्ता सजातीय की दबंगई का शिकार हो रहा है एक खास समाज, क्योंकि ‘हाता नहीं भाता’! अखिलेश ने पीड़ित को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है.
वहीं, सत्यम त्रिवेदी का कहना है कि एक मामले में पनकी थाने के इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह ने उन्हें बुलाया था. थाने में उसको नीचे बैठाया गया और दूसरे पक्ष को कुर्सी पर बैठाया गया. इस बीच इंस्पेक्टर ने सत्यम त्रिवेदी को जाति सूचक गालियां बकनी शुरू दीं, और जब सत्यम ने इसका विरोध किया तो जूतों से उसको पीट दिया.
बकौल सत्यम- मैं 25 दिन तक परेशान रहा. कहीं सुनवाई नहीं हुई. थक हार कर सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां किया. जिसके बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर रिएक्ट किया. तब जाकर प्रशासन हरकत में आया. अधिकारी ने जांच करने की बात कही. लेकिन जूतों से मार खाने के बाद मेरा तो मान-सम्मान चला गया, अब जांच-पड़ताल करके क्या होगा. देखें वीडियो-
जानिए मामला क्या है?
सत्यम त्रिवेदी पनकी के रतनपुर निवासी हैं. उन्होंने मीडिया को बताया कि पड़ोसी से 25 अप्रैल को घर के बाहर की नाली को लेकर विवाद हुआ था. विवाद के बाद दोनों पक्ष पनकी थाने पहुंचे. यहां इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह पर एक पक्ष को कुर्सी पर बैठाने और दूसरे को जमीन पर बैठाने का आरोप लगा. फिर एक पक्ष के साथ गाली-गलौज और पिटाई की गई. सत्यम के मुताबिक, उनके साथ ज्यादती हुई है. जाति के नाम पर गालियां दी गई हैं. सुनवाई न होने पर बीते शुक्रवार को पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंचे. जिसपर मामले की जांच एडीसीपी पश्चिम को सौंपी गई.
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