190 करोड़ के फ्लैट वाले शहर में एक बारिश के बाद ऐसी हालत... कहां फेल हो रहा सिस्टम?

20 hours ago 2

करोड़ों के फ्लैट, हाई क्लास लाइफस्टाइल का दावा और एक बारिश ने गुरुग्राम की पोल खोल कर ऱख दी है.सड़कें तालाब बन गई हैं और लोग अपनी गाड़ियां लेकर बीच सड़क पर खड़े हैं.कई लोग तो अपनी गाड़ी सड़क पर ही छोड़कर तैर कर जाते हुए भी नजर आए. ये कहानी सिर्फ एक बारिश की नहीं है. ये हर साल की कहानी है. बारिश होते ही मिलेनियम सिटी का हाल बेहाल हो जाता है ओर लाखों लोगों के लिए घर से निकलना दूभर हो जाता है.

एक दिन की बारिश में सड़कें बन गईं तालाब     

लोग सोशल मीडिया पर अपनी बेबसी की तस्वीरें और वीडियो शेयर कर रहे हैं. कोई बाइक लेकर, पानी के बीचो बीच खड़ा है तो कोई अपनी कार में बैठा पानी के बीच रास्ते की तलाश कर रहा है. मॉनसून की पहली बारिश में ही गुरुग्राम का ये हाल हो गया है. जिस शहर में दुनिया भर की बड़ी बड़ी कंपनियां काम करती हैं. बड़े-बड़े बिल्डर करोड़ों के प्रीमियम फ्लैट बेच रहे हैं. उस शहर का ड्रेनेज सिस्टम इतना खस्ताहाल है कि एक बारिश में ही जवाब दे देता है. शहर के सीवेज सिस्टम ने एक बारिश में कही सरेंडर कर दिया.

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गुरुग्राम का सबसे पॉश इलाका गोल्फ कोर्स भी पानी- पानी

साइबर सिटी के सबसे पॉश इलाके गोल्फ कोर्स रोड पर जाम में खड़े लोग सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां कर रहे हैं, जहां 190 करोड़ का फ्लैट बेचने का दावा देश के बड़े बिल्डर ने किया था, लेकिन महज 1 से डेढ़ घंटे की मूसलाधार बारिश के बाद करोड़ों के फ्लैट्स के आगे के हालात क्या है तस्वीरें खुद गवाही दे रही हैं. 

हालत ऐसी हो गई है कि जिला प्रशासन ने भारी जलभराव की वजह से ऑफिसों में वर्क-फ्रॉम-होम की सलाह दी है. सोशल मीडिया पर लोगों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है, खासकर सुशांत लोक जैसे क्षेत्रों में, जहां घरों में भी पानी घुस आया. एक स्थानीय निवासी ने एक्स पर पोस्ट किया, "थोड़ी सी बारिश में सड़कें तालाब बन जाती हैं, और ट्रैफिक जाम के साथ बिजली कटौती भी होती है.

पॉश इलाकों में भी भरा पानी

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क्यों होती है गुरुग्राम की ऐसी हालत?

गुरुग्राम का ड्रेनेज सिस्टम बार बार जवाब दे देता है.  नालों की नियमित सफाई न होने के कारण बारिश का पानी सड़कों पर जमा हो जाता है. 2023 में भी दो घंटे की बारिश ने दिल्ली-जयपुर हाईवे और बसई रोड को तालाब में बदल दिया था, जिससे सड़कें पूरी तरह जलमग्न हो गई थीं. जीएमडीए और नगर निगम के दावों के बावजूद, नालों की सफाई और रखरखाव अपर्याप्त रहा है. बारिश की वजह से सड़कों पर गड्ढे बन जाते हैं, जो जलभराव को और बढ़ाते हैं.


वहीं गुरुग्राम में तेजी से हुए शहरीकरण ने स्टॉर्म ड्रेन सिस्टम की कमी को उजागर किया है. शहर में प्रभावी स्टॉर्म वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम का अभाव है, जिसके बिना बारिश का पानी सड़कों पर जमा हो जाता है. यह समस्या दिल्ली और गुरुग्राम दोनों में आम है. सबसे ज्यादा दिक्कत उस समय होती है जब बारिश ऑफिस टाइम के दौरान होती है, जब सड़कों पर वाहनों की संख्या अधिक होती है. 9 जुलाई को शाम 103 मिलीमीटर की बारिश ने ऑफिस से लौट रहे लोगों को जाम में फंसा दिया.

सड़कों पर लगा जाम

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करोड़ों में मिलते हैं फ्लैट

 
इस हाई प्रोफाइल शहर में लोग बसना चाहते हैं. यहां अपना घर खरीदना चाहते हैं. अगर देश के दूसरे बड़े शहरों से तुलना करे तो गुरुग्राम का रियल एस्टेट सेक्टर कई बड़े मेट्रो सिटीज से आगे हैं. देश के दूसरे बड़े शहरों से  ये सबसे तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. यहां आम मिडिल क्लास के लोग घर खरीदने का सोच भी नहीं सकते हैं.  मुंबई और बैंगलोर जैसे शहरों से ज्यादा रिटर्न यहां मिल रहा है. मुंबई में 10 सालों में 50 लाख की प्रॉपर्टी करीब 87 लाख तक पहुंची है, लेकिन वहीं गुरुग्राम की बात करें तो यहां 50 लाख की प्रॉपर्टी 10 सालों में 2.24 करोड़ की हो गई है, करीब 16.2 फीसदी का सालाना रिटर्न है, लेकिन लोग लग्जरी घरों का करेंगे क्या जब वो सड़क पर चलने की हालत में नहीं रहेंगे. 

प्रॉपर्टी के लिए लिहाज से सबसे महंगा

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