ग्रेटर नोएडा के बहुचर्चित निक्की हत्याकांड में हर दिन कड़ियां जुड़ती जा रही है.जांच के दौरान पुलिस ने निक्की की बहन कंचन का मोबाइल खंगाला और बयान लिया.जिससे कई अहम जानकारियां सामने आईं.
कंचन ने बयान दिया है कि सोशल मीडिया पर जो मारपीट का वीडियो वायरल हुआ है, वह 11 फरवरी का है.जबकि निक्की को आग लगने की घटना 21 अगस्त की बताई जा रही है.मोबाइल की जांच से यह तथ्य स्पष्ट हुआ कि आग लगने वाला वीडियो 5 बजकर 45 मिनट पर रिकॉर्ड किया गया था.इससे यह अनुमान लगाया गया कि निक्की को आग 5 बजकर 44 मिनट पर लगी होगी.
मोबाइल से मिली अहम टाइमिंग
कंचन के फोन की जांच करने पर पुलिस को पता चला कि वीडियो 5:45 पर शूट हुआ.इसका मतलब साफ है कि आग लगने का समय इससे कुछ सेकंड पहले का रहा होगा.अब पुलिस इस टाइमिंग के आधार पर आसपास के सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल की कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स (CDR) और लोकेशन के जरिए यह पता लगाने में जुटी है कि घटना के दौरान घर में कौन-कौन मौजूद था और किसकी गतिविधि क्या रही.जांच अधिकारी मानते हैं कि इस टाइमिंग से पूरी कहानी का घटनाक्रम और साफ तरीके से सामने आ सकता है.
विपिन पर पहले से दर्ज था केस
इस पूरे मामले में आरोपी बनाए गए विपिन का आपराधिक इतिहास भी धीरे-धीरे सामने आ रहा है.जानकारी के मुताबिक, अक्टूबर 2024 में नोएडा के जारचा थाने में एक लड़की ने विपिन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी.उस शिकायत में मारपीट और शोषण के आरोप लगाए गए थे.सूत्र बताते हैं कि उस समय विपिन और उस लड़की के बीच अफेयर चल रहा था.निक्की और उसकी बहन ने दोनों को एक बार रंगे हाथों पकड़ भी लिया था.इसके बाद विवाद बढ़ गया था.मामला दबाने के लिए विपिन ने उस लड़की की पिटाई कर दी थी.उसी आधार पर लड़की ने विपिन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.यह पृष्ठभूमि पुलिस के लिए जांच में एक अहम आधार बन सकती है.
अस्पताल में भी बोला झूठ
घटना वाले दिन यानी 21 अगस्त को निक्की को गंभीर हालत में फोर्टिज अस्पताल ले जाया गया था.अस्पताल की शुरुआती रिपोर्ट में बताया गया कि जलने की वजह गैस सिलेंडर का फटना है.लेकिन जब पुलिस ने घटनास्थल की पड़ताल की तो सिलेंडर फटने जैसा कोई सबूत नहीं मिला.इसके उलट, मौके से थिनर की बोतल और एक लाइटर बरामद हुआ.
अब पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अस्पताल की रिपोर्ट में सिलेंडर फटने का जिक्र किस आधार पर किया गया.इसके लिए डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के बयान दर्ज किए जाएंगे.साथ ही अस्पताल का सीसीटीवी फुटेज भी जब्त किया जाएगा, ताकि यह साफ हो सके कि निक्की को अस्पताल कौन लेकर आया और उस दौरान किन-किन लोगों की वहां मौजूदगी रही.
पुलिस की जांच का दायरा बढ़ा
पुलिस अब घटना के हर पहलू को सिलसिलेवार तरीके से जोड़ने में जुटी है.सबसे पहले मोबाइल से मिले वीडियो की टाइमिंग के आधार पर सीसीटीवी और कॉल डिटेल्स को खंगाला जाएगा.दूसरी तरफ, फोर्टिज अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ से पूछताछ कर यह पता लगाया जाएगा कि सिलेंडर फटने का जिक्र रिपोर्ट में क्यों और कैसे किया गया.साथ ही, पुलिस यह भी जांच कर रही है कि निक्की को अस्पताल कौन लेकर गया था देवेंद्र, सास-ससुर या कोई और? इस राज़ को सुलझाने के लिए अस्पताल का सीसीटीवी सबसे अहम सबूत साबित हो सकता है.
पुराने विवाद की परतें
जांच अधिकारियों का मानना है कि विपिन और निक्की के बीच विवाद लंबे समय से चल रहा था.विपिन के खिलाफ पहले दर्ज एफआईआर इस बात की गवाही देती है कि उसका व्यवहार हिंसक रहा है.दूसरी तरफ, अफेयर की खबरें और उससे जुड़े विवाद ने इस रिश्ते को और खराब कर दिया था.सूत्रों के अनुसार, जब निक्की और कंचन ने विपिन और दूसरी लड़की को पकड़ लिया था, तभी से घर का माहौल तनावपूर्ण हो गया था.निक्की ने कई बार अपनी सुरक्षा और भविष्य को लेकर चिंता जताई थी.
---- समाप्त ----