दूध उत्पादक संघ GCMMF (अमूल) के नए चेयरमेन का चयन हुआ है. अशौक चौधरी अमूल के नए चेयरमेन बनाए गए हैं. इसके साथ ही राजकोट डेरी के चेयरमैन गोरधन धामेलिया को वाइस चेयरमेन बनाया गया है. आज गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव संपन्न हुआ है.
1973 में हुई थी गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन की शुरुआत
GCMMF का कारोबार 80,000 करोड़ रुपये से अधिक है. 9 जुलाई 1973 को डॉ. कुरियन ने राज्य के 18 दुग्ध उत्पादक संघों को एक छत के नीचे लाकर गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) की स्थापना की थी. डॉ. कुरियन तीन दशक तक इसके अध्यक्ष पद पर रहने के बाद राजनीति का प्रवेश हुवा और 2012 से महासंघ के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्ति राजनीतिक तरीके से होती रही है.
अगले कार्यकाल के लिए चुने गए चेयरमेन
राज्य में अधिकांश दुग्ध उत्पादक संघ भाजपा से प्रेरित हैं. पिछले साल 55 हजार करोड़ से ज्यादा टर्न ओवर करने वाली जीसीएमएमएफ के अगले कार्यकाल के लिए चेयरमैन और वाइस चेयरमैन घोषित हुए हैं. यह घोषणा आणंद जिला कलेक्टर प्रवीण कुमार चौधरी चुनाव अधिकारी की मौजूदगी मे हुई है.
वर्तमान अध्यक्ष शामलभाई पटेल को लगातार दो बार GCMMF का चेयरमैन और वालमजी हुबल को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था. बता दें कि चेयरमैन और उपाध्यक्ष का चुनाव फेडरेशन की 18 सदस्य डेयरी यूनियनों के चेयरपर्सन, फेडरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर और जिला रजिस्ट्रार मिलकर करते हैं. हर यूनियन का वोट उसकी सालाना कमाई पर निर्भर करता है. हालांकि, फेडरेशन की शुरुआत से ही नेतृत्व का चुनाव हमेशा सर्वसम्मति से हुआ है और कभी वोटिंग की नौबत नहीं आई.
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