INS अरावली से हिंद महासागर में लहराया भारत का परचम, नौसेना हुई और मजबूत

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गुरुग्राम से हिंद महासागर तक भारत का परचम अब और बुलंद होगा. आईएनएस अरावली के कमीशनिंग के साथ नौसेना ने नई ताकत और आधुनिकता हासिल की है. अरावली पर्वतमाला जैसी अडिग शक्ति का प्रतीक ये बेस सिर्फ टेक्नोलॉजी का नहीं, बल्कि सहयोग और रणनीति का नया केंद्र बनेगा. देश की समुद्री सीमाओं की हिफाजत में यह मील का पत्थर साबित होगा.

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गुरुग्राम से उठी समुद्री सुरक्षा की नई ताकत, कमीशन हुआ INS अरावली

गुरुग्राम से उठी समुद्री सुरक्षा की नई ताकत, कमीशन हुआ INS अरावली

भारतीय नौसेना के नए नेवल बेस आईएनएस अरावली को 12 सितंबर 2025 को गुरुग्राम में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी की मौजूदगी में कमीशन किया गया. शानदार कमीशनिंग सेरेमनी में नौसेना प्रमुख को 50 जवानों की गार्ड ऑफ ऑनर दी गई. पहले कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन सचिन कुमार सिंह ने संस्कृत में मंगलाचरण किया और फिर कमीशनिंग वारंट पढ़ा. इसके बाद नेवी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (NWWA) की अध्यक्ष शशि त्रिपाठी ने कमीशनिंग पट्टिका का अनावरण किया.

इस मौके पर नौसेना प्रमुख ने कहा कि आईएनएस अरावली नौसेना को मजबूत प्रशासनिक और लॉजिस्टिक सपोर्ट देगा. बढ़ते पैमाने और आधुनिक सुविधाओं को देखते हुए यह बेस सुचारू संचालन सुनिश्चित करेगा. उन्होंने कहा कि ये नया बेस सिर्फ टेक्नोलॉजी का केंद्र ही नहीं होगा, बल्कि सहयोग का भी केंद्र बनेगा.

ये हमारे प्लेटफॉर्म्स और साझेदारों को महासागरों के पार जोड़ते हुए प्रधानमंत्री के MAHASAGAR (Mutual and Holistic Advancement for Security and Growth Across Regions) विजन को साकार करेगा और हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की भूमिका को एक पसंदीदा सुरक्षा साझेदार के रूप में और मजबूत करेगा.

कमांडिंग ऑफिसर और पूरी कमीशनिंग टीम को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि वे नौसेना के मूल्यों, कर्तव्य, सम्मान और साहस को हमेशा बनाए रखें और इनफॉर्मेशन डॉमिनेंस के जरिए एक्सीलेंस की ओर बढ़ते रहें. आईएनएस अरावली का नाम अडिग और मजबूत अरावली पर्वतमाला से लिया गया है. ये बेस नौसेना के विभिन्न सूचना और संचार केंद्रों को सपोर्ट करेगा, जो भारत और भारतीय नौसेना की कमांड, कंट्रोल और मेरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (MDA) प्रणाली की रीढ़ हैं.

INS अरावली का क्रेस्ट (चिन्ह) पहाड़ की आकृति को दर्शाता है, जो अरावली पर्वतमाला की मजबूती और अडिगता का प्रतीक है. इसके साथ उगते सूरज की छवि है, जो सतत चौकसी, ऊर्जा और टेक्नोलॉजी के नए युग का संकेत देती है. ये क्रेस्ट भारत की समुद्री सुरक्षा की रक्षा के लिए नौसेना की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है. कमीशनिंग समारोह में वाइस एडमिरल संजय वत्सायन (VCNS), वाइस एडमिरल तरुण सोबती (DCNS), नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी और कई विशेष अतिथि मौजूद रहे.

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