मध्य प्रदेश के गुना जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जिले की करोद ग्राम पंचायत को 20 लाख रुपए में गिरवी रख दिया गया. इसके लिए महिला सरपंच और पंच के बीच लिखित एग्रीमेंट भी किया गया. जब इस मामले की जानकारी जिला प्रशासन को मिली, तो त्वरित कार्रवाई करते हुए सरपंच और पंच को बर्खास्त कर दिया गया. मध्य प्रदेश पंचायत राज और ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 के तहत दोनों को पद से हटा दिया गया. यह घटना तब हुई, जब क्षेत्र के विधायक और सांसद दोनों बीजेपी से हैं.
करोद ग्राम पंचायत महिला आरक्षित है. यहां चुनाव के बाद से ही दबंगों ने कब्जा जमा लिया था. सरपंच लक्ष्मीबाई पत्नी शंकर सिंह गौड़ ने चुनाव लड़ने के लिए गांव के हेमराज सिंह धाकड़ से 20 लाख रुपए उधार लिए थे. इस राशि की गारंटी पंच रणवीर सिंह कुशवाह ने ली थी. एग्रीमेंट में उल्लेख किया गया कि चुनाव जीतने के बाद पंचायत में होने वाले विकास कार्यों का 5% कमीशन सरपंच लक्ष्मीबाई को मिलेगा. विकास कार्यों की जिम्मेदारी के लिए पंच रणवीर सिंह कुशवाह को सरपंच प्रतिनिधि नियुक्त किया गया. हेमराज सिंह धाकड़ के पास 20 लाख रुपए का चेक गारंटी के रूप में रखा गया. एग्रीमेंट के अनुसार, पंचायत में सरकारी धन से होने वाले कार्यों से हेमराज सिंह का ऋण चुकाया जाएगा.
100 रुपए के स्टांप पेपर पर तैयार इस एग्रीमेंट पर सरपंच लक्ष्मीबाई, उनके पति शंकर सिंह, पंच रणवीर सिंह कुशवाह और रविंद्र सिंह ने हस्ताक्षर किए. यह एग्रीमेंट 28 नवंबर 2022 को किया गया था.
20 लाख रुपए का ऋण लेने के बाद पंचायत को तीसरे व्यक्ति के पास गिरवी रख दिया गया. सरपंच की चेकबुक, पंचायत की सील और अन्य दस्तावेज भी ऋणदाता हेमराज सिंह धाकड़ के पास गिरवी रखे गए. इस मामले ने सरकारी पद और धन के दुरुपयोग के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण की पोल खोल दी. यह दर्शाता है कि किस तरह आदिवासी और महिला सरपंचों के पदों पर दबंग और रसूखदार लोग हावी हैं.
करोद ग्राम पंचायत गुना विधानसभा क्षेत्र में आती है, जहां बीजेपी के पन्नालाल शाक्य विधायक और ज्योतिरादित्य सिंधिया सांसद हैं.
इसी तरह का एक और मामला चाचौड़ा की रामनगर पंचायत में सामने आया. यहां आदिवासी महिला सरपंच मुन्नीबाई सहरिया ने गांव के दबंग रामसेवक मीना से ऋण लेकर चुनाव लड़ा था. चुनाव जीतने के बाद दोनों के बीच एग्रीमेंट हुआ कि पंचायत पर रामसेवक मीना का नियंत्रण रहेगा, और वह इसके बदले मुन्नीबाई को प्रतिवर्ष 1 लाख रुपए देगा.
इनका कहना
गुना के कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने बताया, "ये दोनों मामले अत्यंत गंभीर हैं. जांच के बाद दोनों महिला सरपंचों को पद से हटाया गया है. ऋण देकर वसूली करने वालों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. जिले में इस तरह के अन्य मामलों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी."