अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात के प्रवक्ता ज़बीहुल्ला मुजाहिद ने टोलोन्यूज़ को बताया कि हालिया पाकिस्तान-अफगानिस्तान संघर्ष के दौरान काबुल को 'संघर्ष विराम को रोकने से संबंधित' अमेरिकी प्रतिनिधियों से कुछ बात हुई थी. मुजाहिद ने कहा कि कतर और कुछ अन्य देशों ने दुश्मनी खत्म करने और युद्धविराम का रास्ता साफ करने में भूमिका निभाई.
ज़बीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि संघर्ष इतना लंबा नहीं चला कि बड़े अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की जरूरत पड़े. हालांकि, उन्होंने तनाव के दौरान अफगानिस्तान के प्रति समर्थन दिखाने वाले देशों का आभार जताया.
अफगान तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्ला मुजाहिद ने इंटरव्यू में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता पर बात की. उन्होंने स्वीकार किया कि कतर और कुछ अन्य देशों ने पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच दुश्मनी को खत्म करने और संघर्ष विराम के लिए रास्ता बनाने में भूमिका निभाई.
संघर्ष ज्यादा लंबा नहीं खिंचा
मुजाहिद ने यह भी साफ किया कि पाकिस्तान के साथ हुआ संघर्ष बहुत ज्यादा लंबा नहीं चला. इसी वजह से उन्हें किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप या मध्यस्थता की जरूरत महसूस नहीं हुई. उनका यह बयान अमेरिका के संपर्क के बाद सामने आया है.
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इससे पहले, अफ़ग़ानिस्तान के रक्षा मंत्री मौलवी मोहम्मद याक़ूब मुजाहिद ने क्षेत्रीय तनावों से भारत को जोड़ने वाले पाकिस्तान के आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें 'निराधार, अतार्किक और अस्वीकार्य' बताया. उन्होंने कहा कि काबुल अपने विदेशी संबंधों को आजादी से बनाए रखता है और अपने राष्ट्रीय हितों के मुताबिक भारत के साथ संबंधों को मज़बूत करेगा.
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, मुजाहिद ने कहा, "ये आरोप निराधार हैं. हमारी नीति कभी भी अपने क्षेत्र का इस्तेमाल दूसरे देशों के ख़िलाफ़ नहीं करेगी. हम एक आजाद मुल्क के रूप में भारत के साथ संबंध बनाए रखते हैं और अपने राष्ट्रीय हितों के दायरे में इन संबंधों को मज़बूत करेंगे."
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