आखिर कुएं में कैसे पहुंची ICICI बैंक मैनेजर की लाश, आखिरी बातचीत में पत्नी से कहा था- मरने वाला हूं, मुझे बचा लो

15 hours ago 1

Patna Abhishek Varun Death Mystery: एक शख्स बेहद परेशानी के आलम में किसी से फोन पर बात कर रहा था. जब ये बातचीत हो रही थी, उस वक्त देर रात के तीन बजे थे. फोन पर एक तरफ थे अभिषेक वरुण और दूसरी तरफ थी उनकी पत्नी. फोन पर अभिषेक लगातार ये कह रहा था कि वो मरने वाला है, उसे बचा लो. वो ये भी कह रहा था कि उसके ऊपर गाड़ी गिरी हुई है. पर अभिषेक ये नहीं बता पा रहा था कि उस वक्त असल में वो था कहां? पत्नी के बार बार पूछने पर उसने सिर्फ इतना बताया कि उसके चारों तरफ दीवार है.

नहीं मिल रहा था अभिषेक का कोई सुराग
असल में ना अभिषेक को पता था कि उस वक्त वो कहां पर है और ना ही उसकी पत्नी को मालूम था कि वो कहां से बोल रहा है. इसके बाद फोन कट जाता है. घबराई पत्नी अब पटना पुलिस को फोन करती है. और फिर अपने जीजा के साथ रात के अंधेरे में ही अपने पति को ढूंढने घर से बाहर निकल पड़ती है. पर पूरा सोमवार बीत जाता है. अभिषेक का कोई सुराग नहीं मिलता. परिवार पुलिस में रिपोर्ट लिखाता है. पुलिस और अभिषेक के दोस्त अभिषेक के मोबाइल के लास्ट लोकेशन से ये पता लगा लेते हैं कि वो इस वक्त कहां है. उसका लास्ट लोकेशन पटना शहर से दूर बेउर के एक सुनसान इलाके के एक घर का दिखा रहा था.

पुलिस ने नहीं ली दिलचस्पी
मोबाइल लोकेशन सही थी लेकिन अभिषेक का कोई सुराग नहीं मिल रहा था. पुलिस भी अपनी खानापूर्ति करके मौके से लौट चुकी थी. हालांकि पुलिस के लौटने से पहले अभिषेक का मोबाइल जो लास्ट लोकेशन बता रहा था. वहां से अभिषेक के चप्पल और स्कूटी के पहियों के निशान मिल चुके थे. लेकिन फिर भी पुलिस ने आसपास जाकर अभिषेक को ढूंढने की जहमत नहीं उठाई.

कुएं में पड़ी थी अभिषेक की लाश और स्कूटी
अब सोमवार भी बीत चुका था. रविवार रात से गायब अभिषेक का अब तक कोई सुराग नहीं मिला था. लेकिन परिवार और दोस्त लगातार उसे ढूंढने में लगे थे. अब मंगलवार की सुबह हो चुकी थी. सुबह सुबह अभिषेक के ससुर, दोस्त और बाकी लोग फिर से उसी जगह पर पहुंचते हैं, जहां अभिषेक की लास्ट लोकेशन मिली थी. जहां से उसके चप्पल और स्कूटी के टायर के निशान मिले थे. एक बार फिर आसपास सभी अभिषेक को ढूंढने में लग जाते हैं. इसी बीच ढूंढते ढूंढते अभिषेक के ससुर एक खेत की तरफ पहुंच जाते हैं. खेत के करीब एक पगडंडी थी और पगडंडी के बराबर में एक कुआं. अभिषेक के ससुर जैसे ही कुआं में झांकते हैं उनकी चीख निकल जाती है. करीब 30 फीट गहरा कुआं बिल्कुल सूखा था और अंदर एक स्कूटी और अभिषेक की लाश पड़ी थी.

हादसा या हत्या की साजिश?
दरअसल, शुरू में हमने फोन पर होने वाली जिस बातचीत का जिक्र किया था. वो अभिषेक और उसकी पत्नी के बीच की बातचीत थी. तब अभिषेक का वो आखिरी कॉल शायद उसी कुएं से किया गया था. लेकिन अभिषेक उस कुएं तक पहुंचा कैसे? अभिषेक की मौत कैसे हुई? क्या ये एक हादसा था या फिर पूरी साजिश के साथ की गई एक हत्या? तो इस कहानी को समझने के लिए कहानी की शुरुआत में यानि रविवार की तरफ लौटना होगा.

पार्टी से निकलते वक्त सीसीटीवी में कैद अभिषेक
अभिषेक वरुण पटना में ICICI लोमबार्ड बैंक में एक ब्रांच मैनेजर था. रविवार को पटना में ही अभिषेक के दोस्तों ने एक पार्टी रखी थी. ये पार्टी पटना के गणपति वाटिका में थी. इस पार्टी में अभिषेक अपनी पत्नी और बेटी के साथ गया था. पर पार्टी में अशोक ने शायद ज्यादा शराब पी ली थी. सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में देखा जा सकता है कि पार्टी खत्म होने के बाद अभिषेक, उसकी पत्नी और बेटी बाहर निकल आए थे. तस्वीर रविवार 13 जुलाई रात 10 बजकर 16 मिनट की है. सामने की तरफ ब्लू टी शर्ट में स्कूटी पर अभिषेक का एक दोस्त है. उस तरफ कार के साथ-साथ अभिषेक दिख रहा है. और अभिषेक के पीछे उसकी पत्नी और बेटी. शायद अभिषेक इस हालत में नहीं था कि वो अपनी स्कूटी पर अपनी पत्नी और बेटी को बिठाकर घर ले जाता. इसीलिए अभिषेका का दोस्त अभिषेक की पत्नी और बेटी को अपनी स्कूटी पर घर छोड़ता है.

स्कूटी ढंग से नहीं चला पा रहा था अभिषेक
उधर, गणपति वाटिका से अकेले अपनी स्कूटी पर निकलने के बाद अभिषेक एक और सीसीटीवी कैमरे में कैद होता है. उस वक्त रात के 10 बजकर 48 मिनट हुए है. गणपति वाटिका से उस जगह की दूरी लगभग 5 किलोमीटर है. उस तस्वीर से साफ पता चल रहा है कि अभिषेक नशे में था. उससे स्कूटी ढंग से चलाई नहीं जा रही थी. अब वहां से करीब 4 घंटे बाद अभिषेक स्कूटी समेत उस कुएं में पहुंच जाता है. पर सवाल ये है कि इन चार घंटों में ऐसा क्या हुआ? नशे की हालत में अभिषेक इस कुएं में जा गिरा या फिर कोई है जिसने उसे उस कुएं तक पहुंचाया.

पगडंडी से बिना गिरे स्कूटी कुएं तक कैसे पहुंची?
जिस जगह वो कुआं है, वो जगह मेन रोड से ठीक ठाक दूरी पर है. वहां कोई सड़क नहीं है. दोनों तरफ खेत हैं. और बीच में एक पतली सी उबड़-खाबड़ पगडंडी. स्कूटी छोड़िए वहां पैदल भी संभल कर ही चला जा सकता है. ये कोई ऐसा आम रास्ता भी नहीं है जो किसी बस्ती या मोहल्ले से जाकर जुड़े. इस इलाके में अभिषेक के आने का तो सवाल ही नहीं. क्योंकि वहां दूर-दूर तक उसका कोई जानने वाला नहीं रहता. तो फिर सवाल ये है कि देर रात, रात के अंधेरे में अभिषेक मेन रोड से उतरकर इस टेढ़ी मेढ़ी पगडंडी पर बिना गिरे स्कूटी को उस कुएं तक कैसे ले आया? जिस पगडंडी पर दिन में बैलेंस बनाना मुश्किल हो, रात के अंधेरे में वो उस कुएं तक पहुंच ही नहीं सकती.

पुलिस चाहती तो बच जाती अभिषेक की जान
सड़क से इस कुएं तक की दूरी अच्छी खासी है. ऊपर से याद रखिए अगर अभिषेक उस पगडंडी के रास्ते उस कुएं तक पहुंचा तो रात के अंधेरे में पहुंचा. अब जरा उस सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की बात की जाए तो मेन रोड पर स्कूटी चलाते वक्त अभिषेक लड़खड़ा रहा था. तो फिर ये कैसे मुमकिन है कि वो उस उबड़ खाबड़ पगडंडी पर रात के अंधेरे में बिना गिरे स्कूटी चला ले. अभिषेक के घरवालों का इल्जाम है कि अगर वक्त रहते पुलिस अपना फर्ज निभा लेती तो अभिषेक का पता काफी पहले चल जाता. पर पुलिस ने तो शुरुआत में ये कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया था कि पटना की पुलिस फोर्स फिलहाल सीएम साहब के वीआईपी मूवमेंट में लगी हुई है.

पुराने दोस्त के साथ था लेन-देन का विवाद
परिवारवालों का ये भी इल्जाम था कि अभिषेक के चप्पल से लेकर अभिषेक की लाश तक खुद उन लोगों ने ढूंढी. उल्टे जब उन्होंने पुलिस को कुएं में लाश होने की खबर दी तो पुलिस उन पर ही शक करने लगी. अभिषेक के परिवार और दोस्तों के मुताबिक, अभिषेक का उसके एक पुराने दोस्त के साथ पैसों को लेकर कुछ विवाद था. वो पुराना दोस्त काफी वक्त बाद रविवार को उस पार्टी में भी आया था, जिस पार्टी में अभिषेक था. लंबे वक्त के बाद ऐन पार्टी में उस दोस्त का आना और फिर अभिषेक का गायब होना, उन्हें कोई इत्तेफाक नहीं लगता.

6 घंटे में कुएं से निकली अभिषेक की लाश
बारिश में तलाशी अभियान रोक देने वाली और सीएम रूट में बिजी होने के चलते अभिषेक के केस को किनारे रख देने वाली बिहार पुलिस का एक और चेहरा भी सामने आया. सुबह सुबह अभिषेक के ससुर ने उस कुएं में अभिषेक की लाश देखी. लोकल पुलिस को खबर भी दी. कंकड़बाग पुलिस मौके पर भी आई. लेकिन अगले कई घंटों तक पुलिस को ये समझ ही नहीं आ रहा था कि इस कुएं से अभिषेक की लाश और स्कूटी को बाहर कैसे निकाला जाए. जानते हैं बिहार पुलिस को उस सूखे कुएं से अभिषेक की लाश को बाहर निकालने में कितने घंटे लगे. पूरे 6 घंटे.

क्या है अभिषेक की मौत का सच?
अभिषेक की लाश पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दी गई. अगर अभिषेक का कत्ल हुआ है तो जाहिर है पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ये साफ हो जाएगा. बाकि अभिषेक की कॉल डीटेल से भी ये पता चल जाएगा कि गणपति वाटिका से उस कुएं तक पहुंचने के बीच अभिषेक की किन-किन लोगों से बातचीत हुई थी. फिलहाल, पटना पुलिस अभिषेक के दोस्तों, रिश्तेदारों, पत्नी और बैंक के साथी कर्मचारियों से पूछताछ कर अभिषेक की मौत की सच्चाई पता लगाने की कोशिश कर रही है.

(पटना से सुजीत कुमार गुप्ता के साथ रोहित कुमार सिंह का इनपुट) 

---- समाप्त ----

Read Entire Article