ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई ने एक बार फिर अमेरिका और इजरायल को धमकी दी है. खामेनेई ने कहा है कि अगर ईरान पर दोबारा हमला किया गया तो इसका जवाब पहले से कहीं अधिक घातक होगा.
बुधवार को सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित एक बयान में खामेनेई ने कहा, "यह सब जानते हैं कि हमारा देश अमेरिका और उसके गुलाम ज़ायोनी शासन (इजरायल) के सामने डटकर खड़ा है और सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है. यह बहुत प्रशंसनीय है."
खामेनेई ने जनवरी में क़तर स्थित अमेरिकी एयरबेस अल-उदीद पर ईरान के मिसाइल हमले का जिक्र करते हुए कहा कि वह तो "बस शुरुआत थी" और अगली बार अमेरिका और उसके सहयोगियों को उससे कहीं बड़ा झटका झेलना पड़ सकता है.
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खामेनेई का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पश्चिम नए सिरे से परमाणु वार्ता पर जोर दे रहा है और साथ ही तेहरान पर फिर से प्रतिबंध लगाने की संभावना पर भी विचार कर रहा है. हालांकि, ईरान अब पहले से कहीं ज्यादा आक्रामक रुख अपनाए हुए है।
मिसाइल ताकत अभी भी बरकरार
फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर इजरायल के हमले के बावजूद, अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं में दो साल तक की देरी हो सकती है, लेकिन ईरान की मिसाइल और ड्रोन क्षमताएं अभी भी काफी हद तक सुरक्षित हैं. फाउंडेशन फॉर डिफेन्स ऑफ डेमोक्रेसीज (FDD) के सीनियर फेलो बिल रोजियो के अनुसार, ईरान के पास अब भी लगभग 1,500 मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइलें और करीब 50% लॉन्च सिस्टम मौजूद हैं.
ट्रंप का बयान – "बात करने की कोई जल्दी नहीं"
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे पर सतर्क रुख़ अपनाया है. ट्रंप ने इस मुद्दे पर संयमित रुख अपनाते हुए कहा कि वो बातचीत के विकल्प खुले हैं, लेकिन मुझे बात करने की कोई जल्दी नहीं है. मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए, ट्रंप ने कहा कि वह बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने आगे कहा, "मुझे बात करने की कोई जल्दी नहीं है."
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