भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर है, जहां वो मेजबान देश के खिलाफ तीन और पांच टी20 मैच खेल रही है. वनडे सीरीज का पहला मुकाबला 19 अक्टूबर को पर्थ में खेला गया था, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने डीएलएस नियम के तहत सात विकेट से जीत हासिल की थी. अब भारतीय टीम के लिए बाकी दो वनडे मुकाबले जीतने जरूरी हैं. दूसरा वनडे 23 अक्टूबर को पर्थ में और तीसरा वनडे 25 अक्टूबर को सिडनी में खेला जाना है.
एडिलेड वनडे से पहले भारतीय खिलाड़ियों ने नेट्स में जमकर प्रैक्टिस किया है. सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल भी वनडे स्क्वॉड का हिस्सा हैं. यशस्वी तो अपनी बैटिंग के लिए जाने जाते हैं, लेकिन अब वो अपनी बॉलिंग स्किल को सुधारने में लगे हुए हैं. दूसरे वनडे से पहले आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक ने बताया कि यशस्वी अपनी लेग-स्पिन बॉलिंग पर लगातार मेहनत कर रहे हैं और उनमें काफी स्थिरता दिख रही है. कोटक ने कहा कि यह यशस्वी के साथ-साथ टीम के लिए अच्छा संकेत है.
टेस्ट टीम के नियमित सदस्य यशस्वी जायसवाल ने अब तक भारत के लिए सिर्फ एक वनडे इंटरनेशनल मुकाबला खेला है. यशस्वी को फिलहाल प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिल पा रही है क्योंकि शीर्ष क्रम में पहले से ही काफी प्रतिस्पर्धा है. पर्थ वनडे में भी यशस्वी बेंच पर बैठे रहे थे.यशस्वी नेट्स में जमकर गेंदबाजी का अभ्यास कर रहे हैं ताकि भविष्य में भारतीय टीम के लिए तीनों फॉर्मेट में बतौर ऑलराउंडर अपनी छाप छोड़ सकें. यशस्वी को इस वनडे सीरीज के लिए बैकअप ओपनर के रूप में टीम में शामिल किया गया है.
शेन वॉर्न की तरह है बॉलिंग एक्शन
यशस्वी जायसवाल का एक्शन कुछ हद तक ऑस्ट्रेलिया के दिवंगत स्पिनर शेन वॉर्न से मिलता है. यशस्वी टेस्ट और टी20 इंटरनेशनल में भारतीय टीम के लिए गेंदबाजी कर चुके हैं. टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 2 ओवर्स फेंके हैं, जबकि टी20 इंटरनेशनल में यशस्वी ने 1 ओवर की गेंदबाजी की है. हालांकि वो अब तक इंटरनेशनल क्रिकेट में कोई विकेट झटक नहीं पाए हैं. यशस्वी जरूर लिस्ट-ए मैचों में सात विकेट ले चुके हैं.
सितांशु कोटक कहते हैं, 'यशस्वी जायसवाल हमेशा लेग स्पिन करते हैं. वह ज्यादा से ज्यादा गेंदबाजी करना चाहते हैं. अब उनमें ज्यादा निरंतरता दिख रही है. जाहिर है, वह अपनी गेंदबाज़ी पर ज़्यादा काम कर रहे हैं. ऐसे में यह एक सकारात्मक संकेत है.' टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर हमेशा से ऑलराउंडर्स को प्राथमिकता देते हैं. यशस्वी का अब गेंदबाजी पर भी फोकस करना समझदारी भरा कदम लगता है.
यशस्वी जायसवाल के बाकी दो ओडीआई मैचों में भी प्लेइंग-11 से बाहर रहने की संभावना है. कप्तान शुभमन गिल और पूर्व कप्तान रोहित शर्मा ओपनिंग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, ऐसे में ओपनिंग स्लॉट पहले से ही फुल हैं. यशस्वी को तब तक इंतजार करना होगा, जब तक रोहित संन्यास नहीं लेते या टीम कॉम्बिनेशन बदलाव नहीं होता. यशस्वी ने अपना इकलौता ओडीआई मैच इस साल इंग्लैंड के खिलाफ नागपुर में खेला था, जिसमें उन्होंने 15 रन बनाए थे.
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